Chandil (Dilip Kumar) : "मां के बिना जिंदगी वीरान होती है, तन्हा सफर में हर राह सुनसान होती है, जिंदगी में मां का होना जरूरी है, मां की प्रार्थना से ही हर मुश्किल आसान होती
है." कहते हैं मां की ममता अनमोल है, इसका कोई मोल
नहीं. अपने बच्चों के लिए मां अपनी जिंदगी को भी दांव पर लगा देती
है. चांडिल में इसका प्रमाण देखने को
मिला. अपने बच्चों को सुरक्षित करने के खातिर एक मां की बहादुरी क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई
है. सभी की जुबां पर
विनोता के बहादुरी की ही बातें
हैं. और हो भी क्यों नहीं, जिस कमरे में
विनोता अपने बच्चों के साथ
सोयी थी उस कमरे को हाथी ने बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर
दिया. ऐसे समय में जब लोगों के होश
उड़ जाते हैं,
विनोता ने अपने बच्चों को सुरक्षित करने का प्रयास किया और जंगली हाथी से स्वयं के साथ बच्चों को भी
बचाया. [caption id="attachment_610907" align="aligncenter" width="600"]

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alt="" width="600" height="400" /> वन विभाग के पदाधिकारियों से बात करती प्रमुख.[/caption]
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चांडिल प्रखंड के
तारकुआं में जंगली हाथी मकानों को अपना निशाना बना रहे
थे. हाथी जब मोना सिंह के मकान पर धावा
बोला. उस वक्त मकान के अंदर मोना सिंह की पत्नी
विनोता सिंह सरदार अपने पांच बच्चों के साथ
सोयी थी. मोना सिंह बाहर रहकर काम करते
हैं. घर में उसकी पत्नी
विनोता सिंह सरदार अपने पांच बच्चों के साथ रहती
है. हाथी के मकान
तोड़ने की जानकारी मिलने पर
विनोता घबराई और सबसे पहले अपने बच्चों को सुरक्षित करने में लग
गई. उन्होंने घर में रखे एक
बड़े बक्से के नीचे सभी बच्चों
काे छुपा दिया और स्वयं बचते हुए हाथी के उपद्रव को देखती
रही. कुछ ही देर में हाथी ने मकान को क्षतिग्रस्त कर मकान के अंदर रखे अनाज को अपना निवाला
बनाया. मकान के सारे सामग्री बर्बाद हो
गए. इस बर्बादी के बीच
विनोता सिंह सरदार अपने पांच बच्चों के साथ किसी तरह जान बचा
सकी. हाथी के जाने के बाद उन्होंने अपने बच्चों को बाहर निकाला और गले से लगाकर खूब
रोयी. हाथी ने
मुजू गोराई व
अमूल्यो महतो के भी मकान को क्षति पहुंचाया और फसल भी
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सुबह जब हाथी के उपद्रव की जानकारी मिली तो
बड़ी संख्या में ग्रामीण
जुटे. वहीं महिला समिति के सदस्य भी
बड़ी संख्या में
पहुंचे. विनोता सिंह सरदार भी महिला समिति की सदस्य
है. जानकारी मिलने पर चांडिल की प्रमुख अमला मुर्मू भी पहुंची और वन विभाग से मुआवजा भुगतान करने की मांग
की. प्रमुख अमला मुर्मू ने कहा कि वन विभाग जंगली हाथियों को वापस जंगल की ओर ले जाने में सकारात्मक प्रयास करें और हाथियों से ग्रामीणों की जान व माल की सुरक्षा सुनिश्चित
करें. उन्होंने
विनोता सिंह सरदार को एक बोरा चावल
दिया. वहीं वन विभाग की ओर से
पीड़ित परिवार को आलू, दाल, तेल, मसाला समेत अन्य राशन सामग्री दी
गई. वन विभाग के फारेस्टर ने कहा कि झुंड से अलग एक हाथी नदी पार कर गांव पहुंचा था, जो मकानों को क्षतिग्रस्त
किया. उन्होंने कहा कि सोमवार की शाम हाथी भगाओ दस्ता ग्रामीणों के साथ मिलकर हाथी को वापस जंगल की ओर पहुंचाने का प्रयास
करेंगे. [wpse_comments_template]