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महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में भाजपा सांसद बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप तय, 21 मई को बहस

New Delhi : दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने आज शुक्रवार को महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में डब्ल्यूएफआई के पूर्व प्रमुख भाजपा सांसद  बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया. अदालत ने महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के लिए बल प्रयोग संबंधी आरोप तय करने को भी कहा. आपराधिक धमकी संबंधी आरोप तय करने की बात कही गयी है. ">https://lagatar.in/category/desh-videsh/">

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यौन उत्पीड़न का आरोप गैरजमानती है

डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी आरोप तय करने का आदेश दिया गया है. ब्रजभूषण सिंह के खिलाफ महिला पहलवानों के यौन उत्पीडन मामले में तय आरोपों पर 21 मई को बहस होगी. जान लें कि यौन उत्पीड़न का आरोप गैरजमानती है, इसमें पांच साल की सजा हो सकती है

6 में से 5 मामलों में बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप तय

दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण सिंह के खिलाफ मामले में 15 जून 2023 को धारा 354, 354-ए (यौन उत्पीड़न) 354-डी (पीछा करना), और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप पत्र दाखिल किया था. कोर्ट ने कहा कि 6 में से 5 मामलों में बृजभूषण सिंह के खिलाफ आरोप तय करने के लिए पर्याप्त सामग्री मिली है. कोर्ट ने बृजभूषण के खिलाफ धारा 354 (किसी महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल), 354-D (पीछा करना) और धारा 506 (आपराधिक धमकी) के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया. उन्हें छठे मामले में बरी किया गया है. भारतीय दंड संहिता के अनुसार यदि कोई व्यक्ति किसी महिला की मर्यादा भंग करने के लिए उस पर हमला या जोर जबरदस्ती करता है, तो उस पर आईपीसी की धारा 354 लगाई जाती है. इसके तहत आरोपी पर दोष सिद्ध हो जाने पर दो साल तक की कैद या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है. [wpse_comments_template]