सीडब्ल्यूसी की पहल पर नवजात को एसनसीयू में कराया जा रहा इलाज
Pathalgada, Chatra: स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के कारण पत्थलगड़ा प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बरवाडीह गांव के शीतलपुर बिरहोर टोला निवासी आदिम जनजाति बिरहोर महिला की मौत प्रसव के दौरान हो गयी. मिली जानकारी के अनुसार शुकर बिरहोर की 35 वर्षीय गर्भवती पत्नी बबीता देवी की मध्यरात्रि में प्रसव पीड़ा हुई. इसके बाद महिला ने अपने घर में ही एक बच्ची को जन्म दिया और कुछ देर बाद उसकी मृत्यु हो गई. सुबह इसकी सूचना मोबाइल पर प्रभारी चिकित्सक सुमित जायसवाल को ग्रामीणों ने देने का प्रयास किया. उन्होंने फोन ही नहीं उठाया. इस बीच स्थानीय स्वास्थ्यकर्मी पहुंचे और नवजात की जांच कर प्राथमिक उपचार किया. जानकारी मिलने के बाद ग्रामीणों के सहयोग से बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष धनंजय तिवारी की उपस्थिति में एंबुलेंस से नवजात को सदर अस्पताल भेजा गया. सीडब्ल्यूसी के अध्यक्ष धनंजय तिवारी ने बताया कि फिलहाल बच्ची को सदर अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती कर इलाज किया जा रहा है और वह खतरे से बाहर है.
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चिकित्सा प्रभारी डॉ. सुमित जायसवाल की कार्यशैली से नाराजगी
ताज्जुब की बात यह है कि सुबह होते ही इस घटना की खबर पूरे प्रखंड में आग की तरह फैल गई लेकिन पदाधिकारी या स्वास्थ्य विभाग के लोग घटनास्थल पर नहीं पहुंचे. लगभग सुबह आठ बजे के बाद स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी सीएचओ सरोज मिंज एएनएम व अन्य स्वास्थ्य कर्मियों के साथ पहुंची. इस मामले में स्वास्थ्य विभाग की घोर लापरवाही दिख रही है. स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि समय रहते महिला का इलाज किया जाता तो महिला की जान बच सकती थी. मालूम हो की सरकार आदिम जनजाति बिरहोर को बचाने को लेकर कई योजनाएं चला रही है, लेकिन स्थानीय प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग, सरकार के आदेशों को नजरअंदाज करता प्रतीत हो रहा है. इसके कारण इस तरह की घटना घट रही है. ग्रामीणों ने चिकित्सा प्रभारी डॉ. सुमित जायसवाल की कार्यशैली पर नाराजगी जताते हुवे आरोप लगाया कि ये कभी भी पत्थलगडा आते नहीं हैं. ना ही किसी का फोन रिसीव करते हैं. वहीं प्रभारी बीडीओ राहुल देव ने बिरहोर महिला की मृत्यु पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि जो भी सरकारी सहायता होगी उनके परिजनों तक पहुंचाई जाएगी.
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