बांग्लादेश और दक्षिण एशिया के अन्य देशों की अर्थव्यवस्था भी पुरानी रफ्तार पर लौट रही हैं लेकिन एक भारत की ही अर्थव्यवस्था ऐसी है जिसकी ग्रोथ रेट बढ़ने के बजाय घट रही हैं. IMF के अनुमानों के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था इस साल बांग्लादेश, वियतनाम, चीन, नेपाल, पाकिस्तान और पांच अन्य एशियाई देशों से भी नीचे रह सकती है. लॉकडाउन ने गरीबी का आटा गीला करने का काम तो किया ही है साथ में मोदी सरकार द्वारा लिये गए फैसले ने गरीबी रेखा को और अधिक बढ़ा दिया है. कोरोना के पहले भी भारत की विकास दर 6 साल से निचले स्तर पर थी.
IMF ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि आर्थिक गतिविधियों के मामले में अनुमान संशोधन भारत के मामले में बहुत बड़ा है, जहां जीडीपी में 2020 की दूसरी तिमाही अप्रैल-जून, भारत के वित्त वर्ष के मुताबिक पहली तिमाही के दौरान अनुमान से बहुत बड़ी गिरावट रही है. भारत की जीडीपी 2018-19 में 6.1% और 2019-20 मे 4.2% थी. मोदी सरकार के कार्यकाल में देश की अर्थव्यवस्था बढ़ने के जगह पर लगातार गिरावट ही आई हैं.
दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की सूची में चीन सबसे आगे, क्यों पिछड़ा भारत

Lagatar Desk: चीन की अर्थव्यवस्था कोरोना महामारी के पहले स्तर को छूने के करीब हैं. विश्व की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था चीन के बारे में अनुमान है कि यह 2020 में 2.1% की दर से बढ़ेगी. पूरी दुनिया में केवल चीन ही एकमात्र ऐसी अर्थव्यवस्था होगी जिसकी विकास दर कोरोना काल में घटने के बजाय तेजी से बढ़ रही हैं.अमेरिकी अर्थव्यअवस्था में भी कोरोना वायरस के दौरान ग्रोथ गिरकर नेगेटिव हो गई थी. ये - 4.8% थी. IMF की इस रिपोर्ट के मुताबिक, 2020 में अमेरिका की अर्थव्यवस्था में 5.8% गिरावट आने का अनुमान है. अमेरिका की जीडीपी विकास दर 2021 में 3.80% का अनुमान है.