सत्र : आलमगीर ने कहा, 3 साल में पोक्सो, साइबर और NDPS एक्ट के तहत दर्ज हुए 8004 मामले)
गृह मंत्रालय की सहायता से साइबर अपराधियों की पहचान की गयी
सीआईडी के डीजी अनुराग गुप्ता ने कहा कि इस कांड को करने के लिए साइबर अपराधियों द्वारा एसएमएस कोड AD 789784 से एक फिशिंग एसएमएस वादी के मोबाइल में भेजा गया था. जब वादी ने दिये गये लिंक पर क्लिक किया तो एसबीआई योनो इंटरनेट बैंकिंग का फेक एप्लीकेशन उनके फोन में इंस्टॉल हो गया. जब वादी ने उस एप्लीकेशन को खोलकर अपने इंटरनेट बैंकिंग में लॉगिन किया तो साइबर अपराधियों द्वारा उनका इंटरनेट बैंकिंग से संबंधित यूजर आईडी, पासवर्ड , ओटीपी के माध्यम से ठगी कर लिया. इस कांड में इंडियन साइबर क्राइम कोआर्डिनेशन सेंटर गृह मंत्रालय भारत सरकार के सहायता से संबंध स्थापित करते हुए इस कांड में तकनीकी जांच एवं अनुसंधान के उपरांत संलिप्त साइबर अपराधियों को चिन्हित किया गया. जिसके बाद सीआईडी ने इन साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया. इसे भी पढ़ें : सदन">https://lagatar.in/issue-jp-jharkhand-vananchal-agitators-raised-in-house-said-will-give-respect-all/">सदनमें उठा जेपी, झारखंड, वनांचल आंदोलनकारियों का मुद्दा, सरकार बोली- सभी को दिलाएंगे सम्मान [wpse_comments_template]