ने कहा, ईरान के परमाणु ठिकाने बर्बाद कर देंगे, मिला जवाब, तेल अवीव और हाइफा की जमीन बराबर कर देंगे
वृंदा करात ने CJI को पत्र लिखकर टिप्पणी वापस लेने को कहा था
माकपा पोलितब्यूरो की सदस्य वृंदा करात ने CJI को इस संबंध में पत्र लिखकर उनसे अपनी यह टिप्पणी वापस लेने को कहा था. न्यायालय ने आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका पर एक मार्च को सुनवाई करते हुए कथित रूप से यह टिप्पणी की थी. इस मामले में कई महिला अधिकार कार्यकर्ताओं, नागरिकों, बुद्धिजीवियों, लेखकों और कलाकारों ने भी प्रधान न्यायाधीश को पत्र लिखकर मांग की थी कि वह माफी मांगे और इन टिप्पणियों को वापस लें. आरोपी से पीड़िता के साथ विवाह करने के बारे में पूछने संबंधी सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी न्यायिक रिकॉर्ड पर आधारित थी, जिनमें व्यक्ति ने अपने हलफनामे में कहा था कि वह अपनी रिश्तेदार और नाबालिग पीड़िता के 18 वर्ष का हो जाने के बाद उससे विवाह करेगा. इसे भी पढ़ें : Air">https://lagatar.in/only-tata-group-and-spicejet-in-queues-to-buy-air-india-applications-rejected-by-other-companies/34974/">AirIndia को खरीदने की कतार में केवल टाटा ग्रुप और स्पाइसजेट ,अन्य कंपनियों के आवेदन खारिज
हमें याद नहीं कि वैवाहिक बलात्कार का कोई मामला सामने आया हो
पीठ ने इस मामले का जिक्र करते हुए सोमवार को कहा, ‘हमें याद नहीं कि वैवाहिक बलात्कार का कोई मामला हमारे सामने आया हो. हम महिलाओं का सर्वाधिक सम्मान करते हैं. मामले में दलीलें देने पेश हुए वकीलों ने भी इस बात का समर्थन किया. सोमवार के लिए सूचीबद्ध मामले में याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए वकील वीके बीजू ने कहा कि लोगों का एक वर्ग संस्थान की गरिमा को ठेस पहुंचा रहा है और इससे निपटने के लिए एक तंत्र की आवश्यकता है.कार्यकर्ता सर्वोच्च न्यायपालिका को बदनाम न करें
भारतीय विधिज्ञ परिषद (बीसीआई) ने न्यायालय का समर्थन करते हुए कहा कि कार्यकर्ता सर्वोच्च न्यायपालिका को बदनाम न करें और उसकी कार्यवाहियों का इस्तेमाल राजनीतिक फायदे के लिए न करें. पीठ ने एक मार्च को आरोपी की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह टिप्पणी की थी. महाराष्ट्र राज्य विद्युत उत्पादन कंपनी लिमिटेड में कार्यरत आरोपी ने उसकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज करने के बंबई उच्च न्यायालय के पांच फरवरी के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी थी.इस मामले की सुनवाई कर रही पीठ में न्यायमूर्ति बोबडे, न्यायमूर्ति बोपन्ना और न्यायमूर्ति रामसुब्रमण्यन भी शामिल थे. पीठ ने आरोपी से पूछा था, ‘क्या तुम उससे (पीड़िता) से विवाह करने के इच्छुक हो. अगर उसके साथ तुम्हारी विवाह करने की इच्छा है तो हम इस पर विचार कर सकते हैं, नहीं तो तुम्हें जेल जाना होगा. पीठ ने आरोपी से यह भी कहा, ‘हम तुम पर विवाह करने का दबाब नहीं बना रहे हैं. इससे पहले याचिकाकर्ता की ओर से पेश हुए अधिवक्ता ने कहा कि आरोपी पीड़िता के साथ शुरूआत में विवाह करने का इच्छुक था लेकिन लड़की ने इनकार कर दिया था और अब उसकी शादी किसी और से हो गयी है. इसे भी पढ़ें : एंटीलिया">https://lagatar.in/antilia-case-ats-changed-the-theory-of-the-police-filed-a-case-of-murder-in-the-case-of-mansukhs-corpse/34959/">एंटीलियाकेस : एटीएस ने पुलिस की थ्योरी बदली, मनसुख की लाश मिलने के मामले में हत्या का केस किया दर्ज