New Delhi : CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया और अधिक पारदर्शी की जायेगी. आश्वासन दिया कि हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए वस्तुनिष्ठ मानदंड निर्धारित किये जायेंगे. CJI डीवाई चंद्रचूड़ राम जेठमलानी मेमोरियल लेक्चर में शुक्रवार को बोल रहे थे. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | Delhi: At Ram Jethmalani Memorial Lecture on his birth centenary year, CJI DY Chandrachud says, “I have in the course of my 10 months as the Chief Justice realised that institutionalisation in addition to enhancing transparency also humanises the workspace. The staff are… pic.twitter.com/IR8EmSItrm
— ANI (@ANI) September 15, 2023
न्यायाधीशों के चयन के लिए वस्तुनिष्ठ मानदंड निर्धारित करना उद्देश्य
CJI चंद्रचूड़ ने कहा, हमारा उद्देश्य SC, HC के लिए न्यायाधीशों के चयन के लिए वस्तुनिष्ठ मानदंड निर्धारित करना है. साथ ही कहा कि यह कहना गलत होगा कि सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम के पास SC, HC के न्यायाधीशों के रूप में नियुक्ति के लिए विचार किये जा रहे उम्मीदवारों का मूल्यांकन करने के लिए कोई तथ्यात्मक डेटा नहीं है.
CJI के अनुसार अक्सर लोग आते हैं और अपने विचार व्यक्त करते हैं. हालांकि जब वे अगले व्यक्ति को कमान सौंप देते हैं तो भूल जाते हैं. इस क्रम में कहा कि अदालतों को संस्थागत बनाने से पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ती है.
कॉलेजियम ने व्यापक मंच तैयार किया है
CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि कॉलेजियम ने एक व्यापक मंच तैयार किया है, जहां उसने सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों के रूप में विचार के लिए देश के शीर्ष 50 न्यायाधीशों का मूल्यांकन किया है और मूल्यांकन न्यायाधीशों पर उपलब्ध आंकड़ों और उनके द्वारा दिये गये निर्णयों के आधार पर किया जायेगा.
नियुक्तियों के लिए एक डोजियर तैयार किया जायेगा
जानकारी दी गयी है कि सेंटर फॉर प्लानिंग एंड रिसर्च ने नियुक्तियों के लिए पात्र देश के शीर्ष न्यायाधीशों का आकलन करने के लिए एक व्यापक मंच पर मंथन शुरू कर दिया है.
डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि उच्च न्यायालयों और सुप्रीम कोर्ट में नियुक्तियों के लिए एक डोजियर तैयार किया जायेगा. इसके लिए देश के शीर्ष 50 न्यायाधीशों का मूल्यांकन किया जायेगा.
कॉलेजियम प्रणाली में सुधार के लिए लगातार मांग की जाती रही है
जान लें कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा कॉलेजियम की कथित तौर पर बंद-दरवाजा प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए कड़ी आलोचना की जाती रही है, जहां न्यायाधीश न्यायाधीशों की नियुक्ति करते हैं. कॉलेजियम प्रणाली में सुधार के लिए लगातार मांग की जाती रही है. पूर्व अटॉर्नी जनरल और वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट और उच्च न्यायालयों में न्यायाधीशों की नियुक्ति प्रणाली तालमेल से बाहर है. कार्यक्रम में CJI दीपक मिश्रा, कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल समेत अन्य लोगों ने भी अपने विचार व्यक्त किये.