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कर्नल कुरैशी विवाद : SC ने कहा-घड़ियाली आंसू स्वीकार नहीं, SIT गठित करें, गिरफ्तारी पर रोक

Lagatar Desk :    कर्नल सोफिया पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कुंवर विजय शाह को फटकार लगाई है. अदालत ने शाह की माफी को “घड़ियाली आंसू” करार देते हुए उसे सिरे से खारिज कर दिया और मामले की जांच के लिए एसआईटी (विशेष जांच टीम) गठित करने का निर्देश दिया है. हालांकि, कोर्ट ने फिलहाल उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. https://twitter.com/ANI/status/1924370240030351461

तीन सदस्यीय एसआईटी टीम गठित कर जांच करने का आदेश  जस्टिस सूर्यकांत की दो सदस्यीय पीठ ने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच के लिए एसआईटी का गठन करने को कहा. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि इस टीम में एमपी कैडर के ऐसे तीन वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी शामिल होंगे, जो राज्य से जुड़े न हों. इनमें एक महिला आईपीएस अधिकारी भी होंगी. टीम का नेतृत्व एक आईजी रैंक के अधिकारी करेंगे, जबकि बाकी दो सदस्य एसपी रैंक या उससे ऊपर के होंगे. क्या आप घड़ियाली आंसू बहा रहे विजय शाह की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने जब अदालत में माफी की बात रखी, तो कोर्ट ने तीखी प्रतिक्रिया दी. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि हमें आपकी माफी नहीं चाहिए. आपने बिना सोचे समझे जो कहा, वह पूरे देश को आहत करने वाला था. अगर फिर से माफी की बात की तो हम इसे अदालत की अवमानना मानेंगे. क्या आप घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं.  अदालत ने कहा कि एक जिम्मेदार नेता को ऐसा बयान नहीं देना चाहिए था.
सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री की माफी पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आप एक सार्वजनिक व्यक्ति हैं. एक अनुभवी राजनीतिज्ञ हैं. आपको बोलते समय अपने शब्दों पर विचार करना चाहिए. कोर्ट ने आगे कहा कि हमें आपका वीडियो यहां प्रदर्शित करना चाहिए. यह सशस्त्र बलों के लिए एक महत्वपूर्ण मुद्दा है. हमें बहुत जिम्मेदार होने की जरूरत है. 
राज्य सरकार पर भी उठाये सवाल : सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश सरकार की भूमिका पर भी सवाल उठाये.  कोर्ट ने पूछा कि राज्य सरकार ने हाई कोर्ट के आदेश के बाद ही क्यों एफआईआर दर्ज की. पहले क्या कार्रवाई की गयी थी. अदालत ने निर्देश दिया कि एसआईटी मामले की पूरी जांच कर रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में कोर्ट को सौंपे. अगली सुनवाई 28 मई को निर्धारित की गई है. इस संबंध में एडवोकेट वरुण ठाकुर कहते हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने आज ऐतिहासिक आदेश पारित करते हुए विजय शाह मामले में एसआईटी का गठन किया है. एसआईटी 28 मई से पहले सुप्रीम कोर्ट को जांच रिपोर्ट सौंपेगी. विजय शाह की गिरफ्तारी सशर्त है, अगर वह जांच में सहयोग करते हैं तो 28 मई तक गिरफ्तारी नहीं होगी. सुप्रीम कोर्ट ने उनकी माफी को खारिज कर दिया.
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