-शनिवार को घेरेंगे मुख्यमंत्री आवास
Ranchi : झारखंड की स्वास्थ्य व्यवस्था इन दिनों बेपटरी हो चुकी है. अनुबंध पारा चिकित्सा कर्मी, साहिया के बाद राज्यभर के सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) भी चरणबद्ध आंदोलन कर रहे हैं. 27 जनवरी को एनएचएम के अभियान निदेशक कार्यालय का घेराव किया था. 28 जनवरी को राज्यभर के सीएचओ ने काला बिल्ला लगाकर काम किया. जबकि 30 जनवरी से कार्य बहिष्कार भी किया था. बावजूद इसके मांगों पर कोई ठोस पहल नहीं हुआ है. जिसके बाद राज्यभर के करीब दो हजार सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारियों ने गुरुवार को नेपाल हाउस का घेराव किया. वहीं अपने चरणबद्ध आंदोलन के दूसरे दिन स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता के आवास का घेराव किया. खबर लिखने जाने तक सीएचओ की मुलाकात स्वास्थ मंत्री से नहीं हुई है.
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राज्य को स्वस्थ रखने में हम सीएचओ की भूमिका अहम
सामुदायिक स्वास्थ्य पदाधिकारी के पद पर काम कर रहे सचिन कुमार ने कहा कि चरणबद्ध आंदोलन करने के बाद भी राज्य सरकार की नींद नहीं खुली है. हम सभी 10 सूत्री मांगों को लेकर लंबे समय से आंदोलनरत हैं. हमारी अनदेखी की जा रही है. जबकी राज्य के लोगों को स्वस्थ रखने और राज्य की स्वास्थ व्यवस्था को बनाए रखने में हमारी अहम भूमिका है.
इन मांगों को लेकर किया घेराव
-अपर सचिव एवं अभियान निदेशक राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के पत्रांक DNO-7(31)/2022NHM-1, 29 अगस्त 2022 के अनुसार, सभी सीएचओ नियमित करने की मांग कर रहे हैं.
– सीएचओ ने मांग की है कि लंबे समय से गृह जिले में पदस्थापना नहीं होने के कारण उन्हें कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में अपने गृह जिले या फिर नजदीकी जिले में पदस्थापना दी जाए.
– सीएचओ की भूमिका और जिम्मेदारी स्पष्ट करते हुए नियमावली बनाने की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की गई है. नियमावली बनाने की प्रक्रिया के दौरान संगठन के सदस्यों को भी सम्मिलित करने का मांग की गई है.
– सीएचओ ने कहा कि उन्हें अतिरिक्त कार्यभार भी दिया जा रहा है. जिससे उनका मुख्य काम नहीं हो पाता है. कई जिलों में दो से तीन अतिरिक्त हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का भी प्रभार दिया गया है. ऐसे में सीएचओ की भूमिका और उनकी जिम्मेदारी तय की जानी चाहिए.
– वहीं जनसंख्या के आधार पर ड्यूटी देने की मांग कर रहे हैं. ताकि वे अपने मानक को पूरा कर सकें और मानदेय से वंचित नहीं रहें.
– कई जिलों के सीएचओ को 15 माह के प्रोत्साहन राशि का भुगतान अभी तक शुरु नहीं हुआ है और जहां हुआ भी है, वहां एक बड़ी रकम भुगतान से पूर्व पैसा वसूला जा रहा है. ऐसे में मूल वेतन 25000 के साथ 15000 मानदेय जोड़कर देने की मांग की है.
– वेतन वृद्धि और पीएफ की कटौती में प्रत्येक वर्ष सीएचओ को मूल मानदेय का 5% इंक्रीमेंट होना है, लेकिन झारखंड के कुछ ही जिलों में इसका लाभ मिला है. वंचित जिलों में भी जल्द से जल्द इसे लागू करने की मांग की गई है.
-आयुष्मान योजना के अंतर्गत सभी सीएचओ को 5 लाख की बीमा का लाभ देने की भी मांग की गई है.
– साथ ही सुरक्षा की मांग संघ के द्वारा किया जा रहा है. संघ के सदस्यों ने कहा कि महिलाओं-पुरुषों के साथ आपराधिक तत्वों के द्वारा छेड़खानी व मारपीट की घटनाएं हो रही हैं.
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