Hazaribagh : शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में पिछले छह माह से 4.65 करोड़ से बनाया गया नया भवन धूल फांक रहा है. वहीं पुराने भवन के तंगहाल कमरे में पैथोलॉजी और ब्लड बैंक का काम चल रहा है. वित्तीय वर्ष 2021-22 में डीएमएफटी मद से बनाए गए भवन को पिछले माह हैंडओवर भी कर दिया गया है. लेकिन ब्लड बैंक और पैथोलॉजी के 35 कर्मी अब भी छोटे कमरे में ही जांच और रक्त संग्रह में लगे हैं. दरअसल ब्लड बैंक और पैथोलॉजी को नए भवन में शिफ्ट नहीं किया गया है.
हजारीबाग की खबरों के लिए यहां क्लिक करें…
न शौचालय, न पानी और ना बैठने का इंतजाम
यहां जांच के लिए आने वाले मरीजों के रसीद, ब्लड सैंपल कलेक्शन, रिपोर्ट तैयार, जांच और जांच के लिए उपलब्ध सारी मशीनें एक ही छोटे कमरे में है. लैब के एक शिफ्ट में 14 महिला-पुरुष कर्मचारी हैं. सभी डीएलएमटी की पढ़ाई भी कर रहे हैं. यहां मार्खम कॉलेज ऑफ कॉमर्स के आठ छात्र और केबी वीमेंस कॉलेज की 13 छात्राएं प्रशिक्षण के लिए आते हैं. इन लोगों के लिए इस रूम में न कोई शौचालय है और ना ही पानी पीने की कोई व्यवस्था. कई स्टाफ और छात्र महिला हैं. इनके लिए कोई सुविधा नहीं है और न ही लैब इंचार्ज के डॉक्टर के बैठने के लिए कोई केबिन है. जांच के लिए आने वाले मरीजों विशेषकर गर्भवती व सामान्य महिलाएं और बुजुर्गों के लिए कोई व्यवस्था नहीं है.
अस्पताल में 300 बेड और 14 विभाग हैं. इस अस्पताल के ओपीडी में लगभग 1000 मरीज प्रतिदिन आते हैं और इन मरीजों की जांच का जिम्मा एक रूम में चलने वाले लैब पर है. इससे मरीजों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है. इसी का लाभ उठाकर अस्पताल परिसर में फैले दलाल मरीजों को ठग कर निजी लैब में ले जाते हैं, जहां मरीजों को मनमाफिक रिपोर्ट दी जाती है.
इसे पढ़ें- डीसी ने की जिला खनन टास्क फोर्स की बैठक, अवैध खनन पर रोक लगाने का निर्देश
इलाज के लिए चतरा, कोडरमा और गिरिडीह से भी आते हैं मरीज
शेख भिखारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल का निर्माण न सिर्फ हजारीबाग बल्कि चतरा, कोडरमा और गिरिडीह के एक हिस्से की गरीब जनता के इलाज के लिए किया गया है. यहां गरीब लोगों को उचित और सस्ते में इलाज सुलभ है, लेकिन यहां की व्यवस्था से मरीज संतुष्ट नहीं हैं.
सीपीएम ने दी आंदोलन की चेतावनी
हेल्थ सेक्टर को लेकर हमेशा आवाज बुलंद करने वाले सीपीएम नेता गणेश कुमार सीटू ने ब्लड बैंक को तत्काल नए भवन में शिफ्ट करने की मांग की है. अगर पहल नहीं हुई, तो उग्र आंदोलन करने की बात कही गई है. इसके लिए 10 दिनों का टाइम दिया है.
इसे भी पढ़ें- बड़ी खबर : झारखंड एटीएस ने एक करोड़ के ड्रग्स के साथ तीन तस्करों को किया गिरफ्तार
कुछ कमी की वजह से विलंब हुआ : सुपरिटेंडेंट
मेडिकल कॉलेज के सुपरिटेंडेंट डॉ विनोद कुमार ने कहा है कि कुछ कमी रह गई थी, इस कारण विलंब हुआ है. इसकी जानकारी प्रशासन को दी जा चुकी है. बहुत जल्द नए भवन में लैब और ब्लड बैंक को शिफ्ट कराया जाएगा.