New Delhi : कांग्रेस ने अमेरिकी डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपये की गिरती कीमत के मुद्दे पर रविवार को प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा और उनसे जवाब मांगा. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि बढ़ती ईंधन दरों, मुद्रास्फीति और ऋण के लिए उच्च ईएमआई के कारण रुपये की गिरती कीमत हर भारतीय की जेब पर असर डालती है. रमेश ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर पोस्ट किया, वर्ष 2014 से पहले रुपये के मूल्य में अपेक्षाकृत कम गिरावट होने पर भी भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) के नेता बड़ी-बड़ी बातें किया करते थे. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
2014 में जब बीजेपी सत्ता में आई थी तब एक डॉलर का मूल्य 59 रुपए था। आज बीजेपी ने इसे 59 रुपए से बढ़ाकर 84 रुपए पहुंचा दिया है।
रुपए के कमज़ोर होने का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ता है:
· रुपए की क़ीमत से तय होता है कि हमें विदेश से आयात होने वाले सामान किस क़ीमत पर मिलेंगे। 2014…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) March 24, 2024
रुपए का मूल्य स्वघोषित विश्वगुरु की अपनी उम्र से अधिक नीचे गिर गया है
याद है, गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री ने रुपये की क़ीमत और डॉ. मनमोहन सिंह की उम्र को जोड़ते हुए कितनी घटिया बातें कही थी. रुपए का मूल्य काफी पहले ही स्वघोषित विश्वगुरु की अपनी उम्र से अधिक नीचे गिर गया है. उन्होंने हैशटैग चुप्पीतोड़ोप्रधानमंत्रीजी के साथ लिखा, आज रुपए की क़ीमत में भारी गिरावट के बीच वह कहीं नजर नहीं आ रहे हैं. प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने तथा एशियाई मुद्राओं के कमजोर होने के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 35 पैसे की भारी गिरावट के साथ 83.48 (अस्थायी) प्रति डॉलर के सर्वकालिक निम्न स्तर पर बंद हुआ. प्रमुख विदेशी मुद्राओं के मुकाबले डॉलर के मजबूत होने तथा एशियाई मुद्राओं के कमजोर होने के बीच अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में शुक्रवार को अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया 48 पैसे की भारी गिरावट के साथ 83.61 प्रति डॉलर के सर्वकालिक निम्न स्तर पर बंद हुआ.
13 दिसंबर, 2023 को रुपये ने 83.40 प्रति डॉलर के निम्नतम स्तर को छुआ था
इससे पूर्व 13 दिसंबर, 2023 को रुपये ने 83.40 प्रति डॉलर के निम्नतम स्तर को छुआ था. कांग्रेस नेता ने कहा, वर्ष 2014 में जब भाजपा सत्ता में आयी थी तब एक डॉलर का मूल्य 59 रुपये था. आज भाजपा ने इसे 59 रुपये से बढ़ाकर 84 रुपये पर पहुंचा दिया है. उन्होंने लिखा, रुपये के कमज़ोर होने का सीधा असर आपकी जेब पर पड़ता है. रुपये की कीमत से तय होता है कि हमें विदेश से आयात होने वाले सामान किस कीमत पर मिलेंगे. 2014 में अगर कोई सामान विदेश से 1 डॉलर का आता था तो 59 रुपये चुकाने पड़ते थे. आज हमें उसी एक डॉलर मूल्य की वस्तु के लिए 84 रुपये चुकाने होंगे. हमें जो अतिरिक्त 25 रुपया देना पड़ा रहा है, वह रुपये की गिरती क़ीमत के कारण है. जब विदेशों से आयात होने वाले सामान देश में अधिक क़ीमत पर आयेंगे तो ज़ाहिर सी बात है कि लोगों को भी वे ज़्यादा ही दाम पर मिलेंगे.
भारत अपने कच्चे तेल का 80% आयात करता है
उन्होंने कहा, भारत अपने कच्चे तेल का 80% आयात करता है. इसमें से अधिकांश का भुगतान डॉलर में करना होता है. रुपये के कमजोर होने के कारण भारत अब अधिक कीमत पर ईंधन खरीद रहा है. जब भी आप पेट्रोल पंप पर जाते हैं तो रुपये के कमजोर होने का असर आपकी जेब पर पड़ता है. उन्होंने लिखा, जब ईंधन महंगा हो जाता है तो हर तरह के समान की ढुलाई लागत बढ़ जाती है. इसलिए खाने-पीने समेत सभी प्रकार की वस्तुएं महंगी होती जा रही हैं. जब आप किराने का सामान खरीदने बाजार जाते हैं तो रुपये के कमजोर होने के कारण आपको ज़्यादा कीमत चुकानी पड़ती है. उन्होंने दावा किया, जब महंगाई बढ़ेगी, तो आरबीआई (भारतीय रिजर्व बैंक) ऊंची कीमतों पर लगाम लगाने के लिए ब्याज दरें भी बढ़ायेगा. इससे आपके लोन की ईएमआई बढ़ जायेगी. यदि आपके पास होम लोन, कार लोन या एजुकेशन लोन है तो अब आप बैंक को अधिक ब्याज देने को मजबूर होंगे. यह सब रुपये के कमज़ोर होने के कारण है.
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