Patna: कानून व्यवस्था लचर हो तो विपक्ष को सवाल उठाने का अवसर मिल जाता है. लेकिन गठबंधन में भी इस पर काफी सोचकर बयान दिया जाता है. नहीं तो विवाद भी हो जाता है. बिहार में कुछ ऐसा ही हो रहा है.
प्रदेश में बढ़ रही आपराधिक गतिविधियों को लेकर पिछले दिनों नेता प्रतिपक्ष और विपक्षी दलों ने नीतीश सरकार को घेरना शुरू कर दिया. अपराध नियंत्रण को लेकर बहस शुरू हो गई. सियासी गलियारों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी जल पड़ा. दरअसल, पूरे मामले पर सियासत आरजेडी एमएलसी के विवादित बयान से शुरू हुआ.
आरजेडी एमएलसी सुबोध राय ने कहा कि बिहार में अपराध लगातार बढ़ रहा है. जबतक एनडीए नेताओं के घर में हत्या, लूट और बलात्कार नहीं होगा तबतक इनकी आंखें नही खुलेंगी. इस बीच जेडीयू नेता सुनील कुमार ने कहा कि आरजेडी नेता अपराधियों को एनडीए नेताओं के खिलाफ अपराध करने के लिए उकसा रहे हैं. ऐसा बयान आरजेडी की संस्कृति और उनके नेताओं के बौद्धिक स्तर को दिखाता है. नीतीश सरकार अपराध पर अंकुश लगाने में सक्षम है.
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इस मामले पर कांग्रेस ने आरजेडी एमएलसी के बयान से किनारा कर लिया. कांग्रेस नेता आनंद माधव ने कहा कि बेशक बिहार में अपराध का ग्राफ बढ़ा है, लेकिन हम आरजेडी एमएलसी के बयान से सहमत नहीं हैं. ये उनके निजी विचार हैं.
वहीं इस पर बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि आरजेडी के नेता अपराधियों को अपराध के लिए उकसा रहे हैं. उनका बयान निंदनीय है. सरकार पीड़ित परिवार के साथ है. अपराध की घटनाएं हमारे लिए भी चिंता का विषय है. हमारी सरकार अपराध पर अंकुश लगाने और पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए संकल्पित है.
बीजेपी नेता अफजर शम्सी ने ऐसे विवादित बयानों के लिए माफी मांगने की भी सलाह दी. उन्होंने कहा कि आऱजेडी एमएलसी पर प्राथमिकी दर्ज कराई जानी चाहिए. इसी तरह से आरजेडी नेता भड़काऊ बयान दे रहे हैं. बिहार की सरकार क्राइम करप्शन और कम्यूनलिज्म से कोई समझौता नहीं करेगी. अपराध पूरी तरह नियंत्रण में है.
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