New Delhi : कांग्रेस ने आज शनिवार को राम मंदिर (अयोध्या) निर्माण को लेकर राज्यसभा में हुई अल्कालिक चर्चा में भाग लेते हुए मोदी सरकार पर हल्ला बोला. लोकसभा चुनाव के लिए भगवान राम को मतपेटी पर रख दिये जाने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि धर्मस्थली को राजनीतिक स्थली नहीं बनाया जाना चाहिए. इसी कारण कांग्रेस ने 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा नहीं लिया. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
VIDEO | “The Ram Temple (in Ayodhya) was constructed after the verdict of Supreme Court and we welcome this. We express our gratitude towards the (Supreme) Court,” says Congress MP @pramodtiwari700 on discussion on Ram Temple in Parliament. pic.twitter.com/olPWXEGkZr
— Press Trust of India (@PTI_News) February 10, 2024
#WATCH | During the discussion on the construction of the historic Ram Temple and Pran Pratishta begins in Lok Sabha, AIMIM MP Asaduddin Owaisi says “I want to ask if Modi Govt is the government of a particular community, religion or the government of the entire country? Does GoI… pic.twitter.com/cU6tS1WIxu
— ANI (@ANI) February 10, 2024
जिन्होंने अंग्रेजों की चापलूसी की, वे आज भगवान राम की बात करते हैं
प्रमोद तिवारी ने कहा कि वह उच्चतम न्यायालय के निर्णय का स्वागत करते हैं. जिसके कारण मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ. अन्यथा कुछ लोग इसे कभी नहीं बनवाते और इस पर राजनीति करते रहते. उन्होंने कहा कि वह मर्यादा पुरुषोत्तम राम की पूजा और आराधना करते हैं किंतु वह भगवान राम का व्यापार नहीं करते. उन्होंने आरोप लगाया कि जिन्होंने अंग्रेजों की चापलूसी और गुलामी की, वे आज भगवान राम की बात करते हैं.
तिवारी ने कहा कि भगवान राम के असली पुजारी महात्मा गांधी थे. उन्होंने कहा कि राम के सबसे बड़े पुजारी गांधी की हत्या करने वाले नाथूराम गोड़से की पूजा कौन करता है, यह बात सभी जानते हैं. उन्होंने सवाल किया कि मंदिर के अपूर्ण रहने के दौरान प्राण प्रतिष्ठा क्यों की गयी.
क्या राम मंदिर मूल जन्म स्थल पर बनाया गया है
उन्होंने आसन से कहा कि एक सर्वदलीय समिति भेजकर यह पता लगाना चाहिए कि क्या राम मंदिर मूल जन्म स्थल पर बनाया गया है. उन्होंने कहा कि लोग कह रहे हैं कि राम मंदिर नवंबर-दिसंबर तक बनकर तैयार होना था किंतु नवंबर में मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा होती तो चुनावी नैया पार नहीं हो पाती. तिवारी ने कहा कि चुनाव के लिए भगवान को राम को मतपेटी पर रख दिया, जिसकी वह भर्त्सना करते हैं. तिवारी ने कहा, भगवान राम को वाद-विवाद का विषय नहीं बनायें, विवादित नहीं बनायें. उस धर्मस्थली को राजनीतिक स्थली न बनायें. और इसी लिए हम 22 जनवरी को राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा समारोह में) को नहीं गये.
एक मजहब को दूसरे मजहब को मानने वालों पर जीत मिली है क्या
एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने पूछा क्या 22 जनवरी का पैगाम देकर सरकार यह बताना चाहती है कि एक मजहब को दूसरे मजहब को मानने वालों पर जीत मिली है? क्या संविधान इसकी इजाजत देता है? लोकसभा में आज राम मंदिर निर्माण पर लाये गये धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा के असदुद्दीन ओवैसी ने सरकार पर करारा हमला बोला. उन्होंने कहा कि मैं मर्यादा पुरुषोत्तम राम की इज्जत करता हूं, मगर नाथूराम गोडसे से मेरी नस्लें नफरत करती रहेंगी. ओवैसी ने पूछा ‘क्या मोदी सरकार एक समुदाय या एक मजहब की सरकार है या सभी पूरे देश की सभी मजहबों को मानने वालों की सरकार है?
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