Mumbai : आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने एमपीसी की बैठक के बाद मॉनेटरी पॉलिसी रेट की घोषणा की. आरबीआई ने ब्याज दर को 6.50 फीसदी पर यथावत रखा. साथ ही उन्होंने कहा कि सहकारी बैंक भी जल्द एनपीए (गैर-निष्पादित आस्तियों) को बट्टे खाते (राइट ऑफ कर सकेंगे) में डाल सकेंगे. साथ ही डिफॉलटर्स के साथ समझौता कर सकेंगे. इसको लेकर आरबीआई जल्द व्यापक दिशानिर्देश जारी करेगी. (पढ़ें, रोहतास में पुल के पिलर के बीच फंसा 11 साल का बच्चा, रेस्क्यू जारी)
आरबीआई ने एनपीए के समाधान ढांचे के दायरे को बढ़ाने का किया फैसला
दास ने कहा कि आरबीआई ने दबाव वाली संपत्तियों के समाधान ढांचे के दायरे को बढ़ाने का फैसला किया है. इसके तहत सहकारी ऋणदाताओं सहित सभी विनियमित इकाइयां अब एनपीए का समाधान करने के लिए ‘‘समझौता निपटान और फंसी हुई राशि को तकनीकी बट्टे खाते में डालने’’ जैसे फैसले कर सकेंगी. अब तक फंसी हुई संपत्ति के समाधान की अनुमति केवल शिड्यूल्ड कमर्शियल बैंक (अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों) और चुनिंदा नॉन बैंकिंग फाइनेशियल कंपनियों को थी.
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