- चुनाव आयोग से अतिरिक्त पारा मिलिट्री फ़ोर्स तैनात करने की मांग
- संभावित हार को नजदीक देखकर हिंसा पर उतरे टीएमसी समर्थक : कुणाल षाड़ंगी
बंगाल में केंद्रीय मंत्रियों और बीजेपी सांसदों के कार्यक्रमों में हो रहे हमलों से भड़क गई है. प्रदेश बीजेपी ने चुनाव आयोग से वहां अतिरिक्त पारा मिलीट्री फोर्स तैनात करने की मांग की है. प्रदेश बीजेपी">https://lagatar.in/munshi-was-killed-at-the-behest-of-jjmp-supremo-pappu-lohra-four-militants-arrested-from-argora-and-pundag/39273/">बीजेपी
प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि बंगाल में संभावित हार को देखकर टीएमसी के समर्थक हिंसा पर उतर गये हैं. उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान जिस तरह से हिंसक घटनाएं राजनीतिक संरक्षण में घट रही है और सीधे तौर पर बीजेपी के कार्यकार्ताओं और नेताओं को निशाना बनाया जा रहा है, वह लोकतंत्र के लिए अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. इसे भी पढ़ें : CoronaAlert:">https://lagatar.in/coronaalert-wear-masks-if-you-leave-your-home-more-than-2-lakh-fine-recovered-from-415-people-on-march-18-in-ranchi/39290/">CoronaAlert:
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कुणाल षाड़ंगी ने इन घटनाओं की निंदा करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को इसका मुख्य कारक बताया. उन्होंने कहा कि सीएम के निर्देश पर बंगाल पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता की तरह बर्ताव कर रहे हैं. षाड़ंगी ने कहा कि पिछले तीन दिन के अंदर पश्चिम बंगाल में भाजपा के बड़े नेताओं को निशाना बनाकर नुकसान पहुंचाने का प्रयास हुआ है. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के बिरसा मुंडा सिदो कान्हु सम्मान यात्रा के रथ पर हमला, सांसद अर्जुन सिंह के घर पर दर्जनों बम से हमला और गुरुवार को नंदीग्राम में केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की चुनावी सभा में भाजपा कार्यकर्ता के सिर पर घातक हमला लोकतंत्र की सरेआम हत्या का प्रत्यक्ष नमूने हैं.पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष चुनाव के लिए कड़े फैसले ले चुनाव आयोग
उन्होंने कहा कि सुरक्षा के दृष्टिकोण से अतिरिक्त पैरा मिलिट्री फ़ोर्स की प्रतिनियुक्ति की जाये और हर वह प्रबंध सुनिश्चित किया जाये जिससे पश्चिम बंगाल में निष्पक्ष और शांतिपूर्ण चुनाव संपन्न हो सके. षाड़ंगी ने कहा कि अपनी संभावित हार और बंगाल में परिवर्तन की लहर को देखकर तृणमूल कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता हिंसा पर उतर आये हैं. कहा कि प्रशासनिक तंत्र को राजनीतिक विद्वेष के साथ इस्तेमाल करने की निंदनीय परंपरा जो टीएमसी ने बंगाल में शुरू की है उसपर चुनाव आयोग रोक लगाये, ताकि भारत की जनता का चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर अटूट विश्वास बरकरार रहे. इसे भी पढ़ें : जेपीएससी">https://lagatar.in/results-of-three-appointment-exams-announced-41-selected-for-the-post-of-assistant-town-planner/39286/">जेपीएससी: तीन नियुक्ति परीक्षाओं के नतीजे घोषित, असिस्टेंट टाउन प्लानर पद के लिए 41 का चयन
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