Madhubani: कोविड की दूसरी लहर के दौरान जिले के 112 लोग काल के गाल में समा गए. लेकिन इन मृतकों का मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत नहीं हो रहा है. जिससे इनके स्वजनों को सरकारी लाभ की प्रक्रिया शुरू नहीं हो रही है. मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए मृतकों के स्वजनों को राजनगर पीएचसी का चक्कर लगाना पड़ रहा है. आपको बता दें कि कोविड केयर सेंटर में कोरोना से मरने वालों के लिए राजनगर पीएससी से मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत किए जाने का प्रावधान किया गया है. मृत्यु प्रमाण पत्र के लिए मृतक के पहचान पत्र के साथ उनके स्वजन का आधार कार्ड, पहचान पत्र के साथ आवेदन देने के बाद राजनगर पीएससी मृत्यु प्रमाण पत्र निर्गत करेगा.
इसे भी पढ़ें- बिहार : लॉकडाउन खुलते ही पटना में उमड़ी लोगों की भीड़, मुंह ताकते रह गयी पुलिस
कोविड केयर सेंटर पर 13 लोगों ने तोड़ा दम
वर्ष 2021 में कोरोना से जिले में कुल मौत 112 में से 90 लोगों ने रामपट्टी स्थित कोविड केयर सेंटर में दम तोड़ा. जबकि इलाज के लिए कोविड केयर सेंटर पहुंचने के दौरान रास्ते में या फिर सेंटर पहुंचने पर 13 लोगों की मौत हुई. वहीं कोविड केयर सेंटर से इलाज के लिए रेफर किए गए नौ लोगों की मौत रास्ते में हो गई.
इसे भी पढ़ें- बिहार में अनलॉक होते ही दूसरे राज्यों में लौटने लगे मजदूर, ट्रेनों में बढ़ी भीड़
कोरोना से 28 लोगों की मौत पर संशय
इस साल 112 मौत में से 28 लोगों की कोरोना से मौत पर संशय बरकरार है. इन 28 लोगों का आरटीपीसीआर, ट्रूनेट, एंटीजेन जांच रिपोर्ट नहीं होने से कोविड केयर सेंटर में इलाज के दौरान इनकी मौत होने के बाद भी कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट के अभाव में कोरोना से मौत की पुष्टि नहीं होने से इनके स्वजनों के समक्ष कोरोना मृतकों को मिलने वाले लाभ से वंचित होने की नौबत आ गई है. ऐसे लोगों के इलाज के दौरान कोरोना जांच कर ली गई होती तो इनके स्वजनों को भी सरकारी लाभ मिलने की उम्मीद होती.
इसे भी पढ़ें- उपेंद्र कुशवाहा ने जजों की नियुक्ति में कॉलेजियम व्यवस्था पर उठाए सवाल, PM मोदी से कहा- इसे हटाइए
ऐसे लोगों को कोविड केयर सेंटर पहुंचते ही वहां उनका इलाज शुरू कर दिया गया. जबकि इनकी मौत के बाद भी इनकी जांच नहीं की गई. जिससे मौत का कारण भी स्पष्ट नहीं हो सका. लेकिन कोरोना से होने वाली मौत का मापदंड आरटीपीसीआर, ट्रूनट, एंटीजेन जांच तय किया गया है. लेकिन28 लोगों का मौत से पहले जांच रिपोर्ट नहीं होने से इनके स्वजनों को सरकारी लाभ नहीं मिल पाएगा. जाहिर है कि कोरोना जांच कराने वालों की सूचना विभागीय पोर्टल पर दर्ज हो जाती है. लेकिन व्यवस्था की लापरवाही के कारण ऐसा संभव नहीं हो सका.
इसे भी पढ़ें- आठ साल से अपडेट नहीं हुई विश्वविद्यालय की लेजर बुक, आरा में अधिकारियों की उड़ी नींद
कोविड से 28 मृतकों का प्रमाण पत्र तैयार
राजनगर पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी व कोविड केयर सेंटर के नोडल पदाधिकारी तथा नामित रजिस्ट्रार डॉ. प्रेम शंकर झा ने बताया कि, अब तक 28 कोरोना मृतकों का मृत्यु प्रमाण पत्र तैयार कर लिया गया है. शेष का आवेदन मिलने के साथ प्रमाण पत्र निर्गत करने की प्रक्रिया अपनाई जाएगी.
इसे भी पढ़ें- गया में शादी की शॉपिंग के लिए निकले दूल्हे का अपहरण, पुलिस ने छुड़ाया