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CRPF के जवान को नक्सलियों ने छोड़ा, जोनागुड़ा मुठभेड़ के बाद बना लिया था बंधक

Raipur : CRPF जवान राकेश्वर सिंह को नक्सलियों ने छोड़ दिया. बीते तीन अप्रैल को छत्तीसगढ़ के जोनागुड़ा में मुठभेड़ के बाद से राकेश्वर नक्सलियों के चंगुल में थे. वे तर्रेम में 168वीं बटालियन के कैंप में हैं. वे कैसे रिहा हुए हैं, इसका खुलासा नहीं हो सका है. रिहा होने के बाद उनका मेडिकल चेकअप कराया जा रहा है. उनकी रिहाई से उनके घर के लोग बहुत खुश हैं और स्थानीय प्रशासन ने भी राहत की सांस ली है. वहीं जवान को छोड़े जाने की खबर मिलते ही कुछ पत्रकार तर्रेम कैंप के लिए निकले. पुलिस ने उन्हें पहले ही रोक लिया.

मुठभेड़ में 23 जवान हुए थे शहीद

सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ में 23 जवान शहीद हुए थे. नक्सलियों ने भी अपने 5 साथी मारे जाने की बात मानी थी. नक्सलियों ने CRPF के कोबरा कमांडो राकेश्वर का अपहरण कर लिया था. इसके बाद माओवादी प्रवक्ता विकल्प प्रेस नोट जारी कर कहा था कि पहले सरकार बातचीत के लिए मध्यस्थों के नाम घोषित करे, इसके बाद वह जवान को सौंप देंगे. तब तक वह उनके पास सेफ रहेगा.

सामाजिक कार्यकर्ता आए थे आगे

नक्सलियों से बात करने के लिए कुछ सोशल वर्कर्स को भेजा गया था. इनमें धरमपाल सैनी, गोंडवाना समन्वय समिति के अध्यक्ष तेलम बोरैया के साथ कुछ और लोग शामिल थे. बुधवार को बस्तर की सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी कुछ लोगों के साथ जोनागुड़ा पहुंची. सोनी ने कहा कि वह नक्सलियों से अपील करने जा रही हैं कि वे जवान को रिहा करें. राकेश्वर का परिवार जम्मू के नेत्रकोटि गांव में रहता है. वे 2011 से CRPF में हैं. उनकी रिहाई के लिए राकेश्वर की सुरक्षित वापसी के लिए उनकी पत्नी मीनू ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री से भी अपील की थी.

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