alt="" width="600" height="400" /> नशे के दुष्प्रभाव से युवाओं को बचाने की आवश्यकता : उच्च शिक्षा एवं तकनीकी विभाग के प्रधान सचिव राहुल पुरवार ने कहा कि मुख्यमंत्री की सोच है कि झारखंड को नशामुक्त करना है और इस दिशा में तेजी से काम शुरू किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि युवाओं को नशे की गिरफ्त से बाहर निकालने के लिए हमें उन्हें नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करना होगा. नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की भूमिका : नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, रांची के इंटेलिजेंस ऑफिसर कुमार मनोहर मंजुल ने कहा कि युवाओं को ड्रग्स के दुष्प्रभाव से बचाने के लिए हमें उन्हें जागरूक करना होगा. उन्होंने कहा कि राज्य के शहरी क्षेत्रों में सिंथेटिक ड्रग्स का चलन ज्यादा है और हमें इसके बारे में लोगों को जागरूक करना होगा. रिनपास में नशा के आदी लोगों का मुफ्त इलाज : रिनपास के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ सजल आशीष नाग ने कहा कि रिनपास में नशा के आदी लोगों का मुफ्त इलाज किया जाता है और उन्हें नशा छुड़ाने में मदद की जाती है. उन्होंने कहा कि नशा लेने के कारण युवाओं के व्यवहार में बदलाव आ जाता है और उन्हें नशा से बचने के उपायों के बारे में जागरूक करना होगा. कलेक्टिव सपोर्ट से निकल कर आते हैं बेहतर परिणाम : यूनिसेफ के मृत्युंजय नायक ने कहा कि कलेक्टिव सपोर्ट से बेहतर परिणाम निकल कर आते हैं और हमें सभी संबंधित विभागों के सहयोग से मास्टर ट्रेनर को प्रशिक्षण देना होगा. उन्होंने कहा कि हमें हर वर्ग के लोगों को टारगेट करना होगा और उन्हें नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करना होगा. अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित कर करना होगा जागरूकता कार्यक्रम का प्लान : सिनी (CINI) के सुभादीप अधिकारी ने कहा कि अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित कर हमें जागरूकता कार्यक्रम का प्लान बनाना होगा और विभिन्न विभागों का सहयोग लेना होगा. उन्होंने कहा कि हमें लोगों को नशे के दुष्प्रभाव के बारे में जागरूक करना होगा और उन्हें विधिक कार्रवाई के बारे में भी अवगत कराना होगा. इसे भी पढ़े -हजारीबाग">https://lagatar.in/hazaribagh-vehicle-full-of-school-children-falls-into-pond-15-children-injured-4-serious/">हजारीबाग
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