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झारखंड में भूख से मौतः SC ने आधार से लिंक न होने पर तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द होने को बताया गंभीर मामला, केंद्र और राज्यों से जवाब मांगा

NewDelhi :  झारखंड में भूख से हुई मौत मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आधार कार्ड से लिंक नहीं होने के कारण करीब तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द किये जाने को अत्यंत गंभीर मामला करार देते हुए इस मामले पर केंद्र सरकार एवं सभी राज्यों से जवाब मांगा. चीफ जस्टिस एसए बोबडे और जस्टिस एसी बोपन्ना एवं जस्टिस वी रामसुब्रमण्यन की बेंच ने कहा कि इसे विरोधात्मक मामले के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए, क्योंकि यह बहुत गंभीर मामला है. बेंच ने कहा कि मामले पर अंतिम सुनवाई करेंगे. बेंच ने कहा, ‘हम आपसे (केंद्र से) आधार कार्ड मामले के कारण जवाब मांग रहे हैं. यह विरोधात्मक मुकदमा नहीं है हम अंतत: इस पर सुनवाई करेंगे.  SC ने नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा. अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने कहा कि इस मामले में नोटिस पहले ही जारी किये जा चुके हैं और केंद्र का जवाब रिकॉर्ड में है. याचिकाकर्ता  के वकील गोंजाल्विस ने कहा कि नोटिस मुख्य याचिका पर नहीं, बल्कि वैकल्पिक शिकायत निस्तारण पर जारी किया गया था. इसे भी पढ़ें : एंटीलिया">https://lagatar.in/antilia-case-sachin-waje-master-mind-in-the-eye-of-nia-the-motive-was-to-regain-our-lost-respect/38667/">एंटीलिया

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2019 में दायर की गयी थी जनहित याचिका

उन्होंने कहा, ‘‘मुख्य मामला तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द किया जाना और भूख से मौत होना है. सुप्रीम कोर्ट ने नौ दिसंबर, 2019 में वैध आधार कार्ड नहीं होने पर राशन से वंचित किये जाने के कारण लोगों की मौत होने के आरोप को लेकर सभी राज्यों से जवाब मांगा था. यह याचिका कोयली देवी ने दायर की है. झारखंड में जिसकी 11 साल की बेटी संतोषी की भूखे रहने के कारण 28 सितंबर, 2018 को मौत हो गयी थी. संतोषी की बहन गुड़िया देवी मामले में संयुक्त याचिकाकर्ता है. इसे भी पढ़ें :  भारतीय">https://lagatar.in/indian-air-forces-mig-21-bison-plane-crashes-group-captain-killed/38640/">भारतीय

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2007 में राशन मिलना हो गया था बंद

याचिका में कहा गया है कि स्थानीय प्राधिकारियों ने उनका राशन कार्ड आधार कार्ड से जुड़े नहीं होने के कारण रद्द कर दिया था. इसके कारण उनके परिवार को मार्च 2007 से राशन मिलना बंद हो गया था और पूरा परिवार को भूखे रहने पर मजबूर होना था. उनकी बेटी संतोषी की भोजन नहीं मिल पाने के कारण मौत हो गयी.

बॉम्बे हाईकोर्ट में भी सामने आया था मामला

सुनवाई की शुरुआत में याचिकाकर्ता कोयली देवी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील कोलिन गोंजाल्विस ने कहा कि याचिका एक बड़े मामले को उठाती है. सीजेआई ने कहा, बॉम्बे हाईकोर्ट में भी मेरे सामने इसी प्रकार का मामला आया था. मुझे लगता है कि यह मामला संबंधित हाईकोर्ट में दायर किया जाना चाहिए था, पीठ ने वकील से कहा कि उन्होंने मामले का दायरा बढ़ा दिया है. इसे भी पढ़ें :   देश">https://lagatar.in/pm-expressed-concern-over-the-increasing-corona-pace-in-the-country-said-both-medicine-and-strictness-are-necessary/38635/">देश

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राशन कार्ड रद्द करने के बयान को बताया गलत

गोंजाल्विस ने दलील दी कि यह एक महत्वपूर्ण मामला है क्योंकि केंद्र ने करीब तीन करोड़ राशन कार्ड रद्द कर दिये हैं. पीठ ने कहा कि वह किसी अन्य दिन मामले की सुनवाई करेगी,  क्योंकि गोंसाल्वेस ने कहा है कि केंद्र सरकार ने राशन कार्ड रद्द कर दिये हैं.  अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल अमन लेखी ने कहा कि गोंसाल्वेस ने यह गलत बयान दिया कि केंद्र ने राशन कार्ड रद्द कर दिये हैं.

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