मान लीजिए कोई चुनाव से दो दिन पहले मर्डर कर देता है तो क्या उसे गिरफ्तार नहीं किया जायेगा? और क्या उसकी गिरफ्तारी मूलभूत ढांचे को नुकसान पहुंचायेगी. New Delhi : दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और रिमांड को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका पर आज बुधवार को जस्टिस स्वर्णकांता शर्मा की अदालत में सुनवाई हुई. सुनवाई पूरी होने पर दिल्ली हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया है. केजरीवाल की ओर से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी और एडवोकेट विक्रम चौधरी ने बहस की, जबकि प्रवर्तन निदेशालय(ईडी) की ओर से ASG एसवी राजू ने पैरवी की.
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नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें केजरीवाल लोकतांत्रिक गतिविधियों में शामिल नहीं हो पायेंगे
अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि यह बहुत महत्वपूर्ण केस है. इसमें स्वतंत्र और निष्पक्ष लोकसभा चुनाव शामिल हैं. और यह लोकतंत्र का हिस्सा है. सिंघवी का कहना था कि केजरीवाल की गिरफ्तारी से यह निश्चित हो गया है कि वह लोकतांत्रिक गतिविधियों में नहीं शामिल हो पायेंगे. सिंघवी ने कहा कि पहला समन अक्टूबर 2023 को भेजा गया और गिरफ्तारी 21 मार्च को की गयी.
गिरफ्तारी की टाइमिंग इशारा करती है कि यह असंवैधानिक है
गिरफ्तारी की टाइमिंग इशारा करती है कि यह असंवैधानिक है. कहा कि इस प्रक्रिया से दुर्भावना की बू आ रही है. देश के मूलभूत ढांचे को नुकसान पहुंच रहा है. इतना कहते हुए सिंघवी ने यह भी कहा कि वे यहां राजनीति की नहीं, बल्कि कानून की बात कर रहे हैं. कहा कि ईडी ने गिरफ्तारी से पहले पीएमएलए कानून के तहत सेक्शन 50 की शर्तों को पूरा नहीं किया. ईडी अब तक ना मनी ट्रेल साबित कर पायी है, ना कोई सबूत जुटा पायी है. सिर्फ सरकारी गवाहों के बयानों के आधार पर गिरफ्तार किया है.गिरफ्तारी के लिए सरकारी गवाहों के बयान मायने नहीं रखते हैं. सिंघवी ने कहा कि जो समन दिये गये थे, वे गैरकानूनी थे. इन समन को पहले ही चैलेंज किया गया था. अब गिरफ्तारी को भी चुनौती दे रहे हैं.
आरोपी दलील नहीं दे सकते कि हम गुनाह करेंगे , हमें गिरफ्तार नहीं किया जा सकता, चुनाव हैं
एएसजी राजू ने कहा, अपराधी और आरोपी यह दलील नहीं दे सकते कि हम गुनाह करेंगे और हमें इसलिए गिरफ्तार नहीं किया जा सकता क्योंकि चुनाव हैं. राजू ने इसे हास्यास्पद करार देते हुए कहा, इससे अपराधियों को खुलेआम घूमने का लाइसेंस मिल जायेगा. मान लीजिए कोई चुनाव से दो दिन पहले मर्डर कर देता है तो क्या उसे गिरफ्तार नहीं किया जायेगा? और क्या उसकी गिरफ्तारी मूलभूत ढांचे को नुकसान पहुंचायेगी.
आप प्रभावशाली हैं और इसलिए 3 वकीलों को बहस में शामिल कर सकते हैं ?
एएसजी राजू ने केजरीवाल की ओर से बहस कर रहे दो वकीलों की दलीलों पर आपत्ति जताई. कहा, सिर्फ इसलिए कि आप प्रभावशाली हैं और इसलिए 3 वकीलों को बहस में शामिल कर सकते हैं, आप ऐसा नहीं कर सकते. एएसजी राजू ने कहा कि केजरीवाल के प्रति गवाहों के बयान हमारे पास हैं. इनके अलावा व्हाट्सएप चैट और हवाला ऑपरेटरों के बयान भी हैं. ऐसा नहीं है कि हम अंधेरे में तीर चला रहे हैं. हमारे पास आयकर विभाग का बहुत सारा डेटा भी है. जब ऐसे प्रभावशाली लोग अपराध मे शामिल हों तो उनके खिलाफ सबूत जुटाना मुश्किल है. कहा कि कानून कहता है कि जब ऐसे(पावरफुल) लोग शामिल हों तो सरकारी गवाहों पर भरोसा किया जा सकता है.
संजय सिंह के मामले में हाईकोर्ट का आदेश अभी भी बरकरार है.
श्री राजू ने कहा, संजय सिंह के मामले में हाईकोर्ट का आदेश अभी भी बरकरार है. सुप्रीम कोर्ट ने इसमें कोई हस्तक्षेप नहीं किया है. संजय सिंह को केवल ईडी द्वारा दी गयी रियायत के आधार पर जमानत पर रिहा किया गया है. केजरीवाल की ओर से खुद कहा गया था कि अगर रिमांड आदेश पारित हो जाता है तो उन्हें कोई समस्या नहीं है तो अब वह इन आदेशों को कैसे चुनौती दे सकते हैं? आप एक ही समय में दो घोड़ों की सवारी नहीं कर सकते. इस याचिका को खारिज किया जाना चाहिए. हिरासत को अवैध नहीं कहा जा सकता. [wpse_comments_template]