New Delhi : दिल्ली शराब घोटाला आम आदमी पार्टी के गले की फांस बनता जा रहा है. खबर है कि मनीष सिसोदिया के बाद अब पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा का भी ईडी की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में आया है. ईडी की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में जाली लेनदेन की साजिश की बात कही गयी है. सूत्रों के अनुसार मनीष सिसोदिया के पूर्व सचिव सी अरविंद ने जांच एजेंसी को जानकारी दी थी कि मनीष सिसोदिया के आवास पर हुई बैठक में राघव चड्ढा भी मौजूद थे. बैठक में पंजाब के आबकारी आयुक्त वरुण रूजम, आरोपी विजय नायर और पंजाब आबकारी निदेशालय के अन्य अधिकारी भी थे. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
News articles/reportage stating that I have been named as an accused in a complaint filed by the enforcement directorate are factually wrong, and incorrect and appear to be part of malicious propaganda to harm my reputation and credibility: AAP Rajya Sabha MP Raghav Chadha
(File… pic.twitter.com/Fr053JXsPV
— ANI (@ANI) May 2, 2023
राघव चड्ढा ने कहा, खबर गलत है
राघव चड्ढा ने कहा कि खबरें आ रही हैं कि प्रवर्तन निदेशालय(ED) द्वारा दायर चार्जशीट में मुझे एक अभियुक्त के रूप में नामित किया गया है. कहा कि यह खबर तथ्यात्मक रूप से गलत है. यह मेरी प्रतिष्ठा और विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचाने के लिए दुर्भावनापूर्ण प्रचार का हिस्सा लगता है,
17 नंवबर, 2021 को लागू की गयी थी नयी शराब नीति
बता दे कि दिल्ली शराब घोटाले में मनीष सिसोदिया क साथ दिल्ली CM केजरीवाल का नाम पहले ही सामने आ चुका है. मनीष सिसोदिया जिस शराब घोटाले में जेल में बंद हैं, वह दिल्ली की नयी शराब पॉलिसी से रिलेटेड है. दिल्ली सरकार द्वारा 17 नंवबर, 2021 को नयी शराब नीति लागू की गयी थी. मामला उजागर होने पर सरकार ने अपनी इस पॉलिसी को वापस ले लिया था.
दिल्ली सरकार को राजस्व का नुकसान झेलना पड़ा
केजरीवाल सरकार ने नयी शराब नीति को लेकर कहा था कि इससे राजस्व में इजाफा होगा और माफियाराज खत्म हो जायेगी, लेकिन इसके ठीक उल्टा हुआ. दिल्ली सरकार को राजस्व का नुकसान झेलना पड़ा. इस मामले में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने जुलाई 2022 में एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी थी, जिसमें मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था.
17 अगस्त, को सीबीआई ने केस दर्ज किया
दिल्ली के उपराज्यपाल ने इस मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी था. 17 अगस्त 2022 को इस मामले में सीबीआीई ने केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी. मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया गया. इस केस में 22 अगस्त को ईडी शामिल हो गयी. ईडी ने आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज कर लिया था. जांच और पूछताछ के बाद लगभग छह माह बाद सीबीआई द्वारा 26 फरवरी को मनीष सिसोदिया गिरफ्तार कर लिये गये. इस क्रम में मनीष सिसोदिया से जेल में ईडी ने पूछताछ की और उसने भी गिरफ्तार कर लिया.
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