Ramgarh: पतरातू प्रखंड के हेहल स्थित मां छिन्नमस्तिका स्पंज आयरन एंड फैक्ट्री परिसर में दर्जनों मल्हार परिवार जीवन गुजारने को विवश हैं. इससे निकलने के लिये कोर्ट सहित प्रशासन से लगातार गुहार लगा चुका है. इसके बावजूद भी उनकी समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है. जानकारी के अनुसार मल्हारो को कई एकड़ जमीन हजारीबाग में बंदोबस्ती है. यहां मल्हार अपने परिवार के साथ रह कर खेती कर जीवनयापन करते थे. फैक्ट्री निर्माण के बाद धीरे-धीरे वे चहारदिवारी के अंदर कैद हो गये. कुछ समय बाद उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट करने की कोशिश की जाने लगी. पहले तो उन्हें फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा हटाने का प्रयास किया गया. जब नहीं हटे तो जिला प्रशासन के निर्देश पर उनलोगों को दूसरे स्थान पर शिफ्ट करने की बात कही गई. हकीकत यह है कि लोग अपनी जमीन छोड़ना नहीं चाहते हैं. इस वजह से फैक्ट्री प्रबंधन और मल्हारों के बीच संघर्ष हो रहा है.
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प्रदूषण से परेशान है मल्हार परिवार
यह मामला रामगढ़ जिले के हेहल स्थित मां छिन्नमस्तिका स्पंज एंड आयरन फैक्ट्री परिसर का है. एक तरफ उन्हें अपनी जमीन खोने का डर है तो दूसरी ओर फैक्ट्री से निकलने वाले प्रदूषण से है. यह प्रदूषण जहर बनकर शरीर में फैल रहा है. इसे लेकर पूरा मल्हार परिवार कई बार विरोध प्रदर्शन कर चुका है, साथ ही साथ आत्मदाह की धमकी भी दे चुका है.
मल्हारो के अनुसार वे वर्षों से यहां रह रहे हैं. फैक्ट्री खुलने के समय तमाम सुविधाएं देने का भरोसा दिलाकर हमारे घरों को चहारदीवारी के अंदर कर लिया गया, जबकि यह जमीन हम लोगों की है. इसका खाता संख्या 86, प्लॉट संख्या 563, में कुल रकबा 12 एकड़ 50 डिसमिल है, जो गलत तरीके से लूटा जा रहा है. हमारी जमीन पर फैक्ट्री लगाई गई है, जबकि फैक्ट्री लगने से पूर्व हमारे पूर्वज इस जगह पर रहते थे. उसके बाद से हमलोग रह रहे हैं.
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अपनी जमीन नहीं छोड़ेंगे
मल्हार लोग किसी कीमत पर इस जमीन को छोड़ना नहीं चाहते हैं. इसके लिये वे लंबे संघर्ष को तैयार हैं. दूसरी तरफ फैक्ट्री प्रबंधन का कहना है कि उनके लिए अन्य जगह पर जमीन चिन्हित की गई है. जब वे तैयार होंगे तो उन्हें वहां शिफ्ट कर दिया जायेगा. अब सबकुछ उनपर निर्भर करता है. जो स्थिति है, उसमें समस्या का समाधान जल्द होता नजर नहीं आता है.
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