Saurabh Singh Ranchi: शराब के धंधे में प्लेसमेंट एजेंसियों पर बकाया 200 करोड़ रुपये से अधिक होने के बाद वसूली के लिए नोटिस जारी किया गया. दो एजेंसियों की बैंक गारंटी फर्जी होने की वजह से वसूली नहीं हो सकी. इन प्लेसमेंट एजेंसियों के निदेशकों ने बैंक गारंटी की जालसाजी के लिए नीरज सिंह नाम के व्यक्ति को जिम्मेवार बताया है. निगरानी ने शराब घोटाले में सिर्फ बैंक गारंटी में हुई जालसाजी के आधार पर कार्रवाई की है. इसमें अब तक पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है. गिरफ्तार लोगों में उत्पाद विभाग के तत्कालीन सचिव विनय चौबे, वर्तमान संयुक्त आयुक्त गजेंद्र सिंह, पूर्व जीएम ऑपरेशन सुधीर कुमार और वर्तमान जीएम फाइनांस सुधीर कुमार दास के आलावा प्लेसमेंट एजेंसी का कर्मचारी नीरज कुमार सिंह का नाम शामिल है. बैंकों द्वारा फर्जी बैंक गारंटी की पुष्टि किये जाने के बाद दोनों की प्लेसमेंट एजेंसी के निदेशक से स्पष्टीकरण पूछा गया था. विजन हॉस्पिटालिटी के निदेशक महेश सिदगे ने इस अपने स्थानीय प्रतिनिधि नीरज सिंह पर फर्जी बैंक गारंटी के मामले में जालसाजी करने का आरोप लगाया. मेसर्स मार्शन के निदेशक तुका राम देसाई ने पहली बार स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नाम पर जारी फर्जी बैंक गारंटी के मामले में बैंक को ही दोषी बताया. दूसरी बार बंधन बैंक द्वारा जारी किये गये फर्जी बैंक गारंटी के मामले में अपने स्थानीय प्रतिनिधि नीरज सिंह पर जालसाजी का आरोप लगाया. दोनों ही प्लेसमेंट एजेंसियों द्वारा एक ही व्यक्ति पर जालसाजी करने का आरोप लगाना प्लेसमेंट एजेंसियों के एक दूसरे से मिले होने का संकेत है. बैंक गारंटी के मामले में अब तक हुई जांच में मिले तथ्यों से फर्जी बैंक गारंटी बनाने और उसे ई-मेल से सत्यापित करने में किसी बड़े गिरोह के सक्रिय होने का अनुमान है. क्योंकि दोनों ही कंपनियों द्वारा बैंक गारंटी जमा कराने के बाद बैंक की ओर बिवरेज कॉरपोरेशन को मेल भेज कर बैंक गांरटी की जानकारी देना है. इन कंपनियों द्वारा फर्जी बैंक गारंटी देने की पुष्टि कर्मचारियों को बैंक में भेज कर उसे सत्यापित करने के दौरान हुई. इसे भी पढ़ें -TASMAC">https://lagatar.in/tasmac-raid-case-sc-reprimanded-ed-said-you-are-crossing-all-limits/">TASMAC
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प्लेसमेंट एजेंसियों पर बकाया 200 करोड़ अधिक होने पर वसूली के लिए नोटिस हुआ
