Hazaribagh : कोविड के इस दौर में महामारी से लड़ने के लिए प्रशासनिक प्रयत्न का इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोरोना संक्रमण के इस दूसरे फेज में आज तक आपदा प्रबंधन की बैठक नहीं हुई है. इस आपदा के समय आपदा प्रबंधन की एक भी बैठक नहीं होना बताता है कि प्रशासनिक स्तर पर इस महामारी से निपटने के लिए प्रशासनिक अधिकारी कितने संवेदनशील है.
आपदा प्रबंधन की बैठक करवाना डीसी की जिम्मेदारी होती है
आपदा प्रबंधन की बैठक करवाना जिले के उपायुक्त आदित्य कुमार आनंद की जिम्मेदारी थी . बैठक का मूल उद्देश्य होता है इसमें जितने भी सदस्य हैं वह सब मिल बैठकर आपदा से निपटने के लिए अपने अपने सुझाव दें और फिर एक सामूहिक निर्णय हो सके कि कैसे आपदा से निपटा जाए .इस समिति में जिले के सांसद, सभी विधायक, जिला परिषद के चयनित सदस्य प्रशासनिक अधिकारी, वन विभाग के अधिकारी, पुलिस अधीक्षक ,स्वयंसेवी संस्था समेत अन्य अधिकारी के साथ-साथ गण्यमान्य व्यक्ति भी समिति में होते हैं. जिले के पिछले उपायुक्त भुवनेश प्रताप सिंह के नेतृत्व में पिछले कोरोना काल में इसकी लगातार बैठकर होती रही और महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए. पिछले दौर के बैठक का परिणाम था कि प्रवासी मजदूर के जांच का मामला हो, उन्हें गांव में कॉरेन्टीन करने का मामला हो या फिर लोगों को भोजन व्यवस्था कराने का मामला हो सारी चीजें व्यवस्थित तरीके से चलाई जा रही थी.
लोगों को बेड और ऑक्सीजन की भी कमी पिछली बार नहीं हुई थी. हालांकि पिछली बार महामारी का ऐसा दौर नहीं था इसके बावजूद भी व्यवस्था पूरी तरह से दुरुस्त थी. इस बार जिले में उपायुक्त अपने स्तर पर बैठक कर रहे हैं. लेकिन आपदा प्रबंधन की बैठक एक बार भी नहीं होना कहीं ना कहीं इस महामारी के दौर में बेहतर प्रबंधन के लिए नुकसानदेह बना हुआ है .
ऐसी किसी बैठक की सूचना अबतक नहीं मिली है- अंबा प्रसाद
इस मामले पर जब लगातार डॉट इन की टीम ने बड़कागांव विधायक अंबा प्रसाद से पूछा कि क्या आपने आपदा प्रबंधन के किसी बैठक में हिस्सा लिया है तो उन्होंने कहा कि हजारीबाग उपायुक्त के तरफ से अभी तक ऐसी किसी बैठक की सूचना मुझे नहीं दी गई है और ना ही मैंने ऐसे किसी बैठक में भाग लिया है . रामगढ़ उपायुक्त ने पिछले सप्ताह ऐसी बैठक की थी जिसमें मैं शामिल हुई थी और इस बैठक में जिले के वरीय पदाधिकारियों समेत काफी लोग शामिल हुए थे और इस महामारी से निपटने के लिए प्रत्येक बिंदु पर गहन चर्चा हुई इसका परिणाम है कि रामगढ़ में कई क्षेत्रों में बेहतर काम हुआ है लेकिन हजारीबाग में इसकी कोई सूचना अब तक मुझे नहीं मिली है और ना ही मैं किसी बैठक में शामिल हुई हूं.
बैठक करवाने से एक बेहतर प्रयास हो सकता था
इस विषय पर सांसद जयंत सिन्हा से जब पूछा गया उन्होंने कहा ऐसे किसी बैठक की सूचना उन्हें नहीं है महामारी के इस दौर में उपायुक्त चाहते तो ऑनलाइन भी एक बैठक की जा सकती थी और समस्त लोगों से सामंजस्य बनाकर कोरोना के इस विपदा में निपटने के कई उपायों पर विस्तार से चर्चा हो सकती थी मैंने अपने स्तर पर बहुत प्रयास किया है लेकिन ऐसी किसी बैठक की सूचना मुझे अब तक नहीं प्राप्त हुई है उपायुक्त इस मामले में बैठक करवाते तो जिले के लिए एक बेहतर प्रयास होता.