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रुगड़ा व खुखड़ी की रांची बाजार में धूम, मटन से भी हुआ महंगा

Basant Munda

Ranchi: मॉनसून की पहली बारिश के साथ ही रांची के बाजारों में शाकाहारी मटन यानि कि रुगड़ा और खुखड़ी की दस्तक हो चुकी है. राजधानी के कचहरी रोड, रातू रोड, बहुबाजार और मोरहाबादी जैसे प्रमुख बाजारों में इन जंगली स्वादिष्ट सब्जियों की जबरदस्त मांग देखी जा रही है. 
इनकी कीमतें इतनी ज्यादा है कि मटन, चिकन और बत्तख का मीट भी इनके आगे फीका पड़ गया है. ग्राहक स्वाद की खातिर ऊंचे दाम चुकाकर भी इन्हें खुशी-खुशी खरीद रहे हैं.


रुगड़ा 600 रूपये किलो, खुखड़ी 1600 रूपये किलो में बिक रही

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छत्तीसगढ़ और बंगाल से आने वाला रुगड़ा रांची में खुदरा विक्रेताओं द्वारा 600 रूपये प्रति किलो तक बेचा जा रहा है. वहीं खूंटी के जंगलों से मिलने वाली दुर्लभ खुखड़ी  ने तो सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, यह 1600 रूपये प्रति किलो के भाव पर बिक रही है.


झारखंड की मिट्टी में होता है सबसे स्वादिष्ट रुगड़ा और खुखड़ी  

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कांके के सुकुरहुटु के विक्रेताओं के अनुसार, झारखंड की लाल और बालू मिट्टी में पैदा होने वाला रुगड़ा और खुखड़ी सबसे स्वादिष्ट होता है. यहां का रुगड़ा सफेद और कुरकुरा होता है, जबकि छत्तीसगढ़ और बंगाल में यह नरम मिट्टी में उगता है, जिससे उसका स्वाद अपेक्षाकृत हल्का होता है.


बांस और सखुआ के नीचे होती है इनकी प्राकृतिक खेती


रुगड़ा और खुखड़ी की प्राकृतिक खेती सखुआ और बांस के पेड़ों के नीचे होती है. बिजली की गड़गड़ाहट और बारिश के साथ ही ये बाहर निकलने लगते हैं. ग्रामीण लोग कुदाल और खुरपी की मदद से इन्हें जमीन से खोदकर निकालते हैं. आमतौर पर एक स्थान से 1-2 किलो रुगड़ा निकलना आम बात है. खुखड़ी की कई प्रजातियां होती हैं, जैसे लाल गुरगुट, ढिपा और टेटनस, जो विशेष रूप से बांस के झुरमुटों में पाई जाती हैं.


अब तक 1600 रूपये किलो रुगड़ा और 3200 रूपये किलो खुखड़ी बिक चुका

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बिक्री करने वाली साधन देवी बताती हैं कि बाजार में आने के बाद 26 जून को लगभग 1600 रूपये किलो रुगड़ा और 3200 रूपये किलो खुखड़ी बिक चुकी है. ये पूरी तरह मौसमी सब्जियां हैं और इनमें प्रोटीन की भरपूर मात्रा होती है. छत्तीसगढ़ और बंगाल से इन्हें ट्रेन के माध्यम से डेली मार्केट लाया जाता है. शुरुआती दिनों में रुगड़ा की कीमत 400 रूपये  पाव (यानि 1600 रूपये प्रति किलो) तक पहुंच गई थी.


15 दिनों में घट सकते हैं दाम


स्थानीय लोगों का कहना है कि जैसे-जैसे झारखंड में बारिश तेज होगी, गांवों से बड़ी मात्रा में ताजा रुगड़ा और खुखड़ी बाजार में पहुंचने लगेगा. इससे कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है और ये स्वादिष्ट सब्जियां आम लोगों की थाली तक और आसानी से पहुंच सकेंगी.

 

 

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