Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) मध्यस्थता एक ऐसा साधन है, जिसके जरिए पुराने से पुराने विवादों का समाधान कर सकते हैं. इसमें रिश्ता भी नहीं खराब होता और समय की भी बर्बादी से बचा जा सकता है. उपरोक्त बातें शनिवार 28 जनवरी को धनबाद सिविल कोर्ट में आयोजित रेफरल जज और मध्यस्थों के ट्रेनिंग कार्यक्रम में धनबाद के प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश राम शर्मा ने कही.

रेफरल जज और मीडिएटर को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मामले देखने को मिल रहे हैं, जिनमें छोटे-मोटे विवाद को लेकर लोग कोर्ट जा रहे हैं. ऐसे मामलों का निपटारा मध्यस्थता के जरिये किया जा सकता है. ऐसा करने पर लोगों के बीच एक दूसरे के प्रति वैमनस्यता और शत्रुता की भावना खत्म हो जाती है. उन्होंने तमाम न्यायिक पदाधिकारियों से आग्रह किया कि ज्यादा से ज्यादा मामलों को समाप्त कराने के लिए मध्यस्थता केंद्र में भेजें.

कुटुंब न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश तौफीक उल हसन ने कहा कि ज्यादातर पारिवारिक विवाद छोटी-मोटी मामलों बातों पर होते हैं. लोग इन विवादों को लेकर कोर्ट पहुंच जाते हैं. उन्होंने कहा कि पारिवारिक विवाद के 70% से ज्यादा मामले मध्यस्थता के जरिये समाप्त कराए जा रहे हैं. मंच संचालन प्राधिकार के सचिव सह अवर न्यायाधीश निताशा बारला ने किया. जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार श्रीवास्तव, रजनीकांत पाठक, सुरेंद्र कुमार मिश्रा, राजकुमार मिश्रा, नीरज कुमार विश्वकर्मा, प्रभाकर सिंह, अखिलेश कुमार, अपर न्यायाधीश कुटुंब न्यायालय प्रेमलता त्रिपाठी, मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी संजय कुमार सिंह, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी कुलदीप मान, अवर न्यायाधीश राजीव त्रिपाठी समेत जिले के तमाम न्यायिक पदाधिकारी, 24 मध्यस्थ व अधिवक्ता मौजूद थे.

