Dhanbad : लोक आस्था का चार दिवसीय चैती छठ महापर्व 25 मार्च को नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ. व्रतियों ने तालाब यह घरों में स्नान कर अरवा चावल का भात, चने की दाव व कद्दू की सब्जी बनाया और दोपहर में ग्रहण किया. इसे प्रसाद स्वरूप परिवार के सदस्यों, संबंधियों व पड़ोसियों में भी बांटा. पंडित राकेश पांडेय के अनुसार, 26 मार्च को खरना होगा. महिलाएं दिनभर उपवास रख कर शाम में मिट्टी के चूल्हे पर अरवा चावल व गुड़ की खीर बनाकर ग्रहण करेंगे और सगे-संबंधियों व शुभचिंतकों में भी प्रसाद बांटेंगे. इसके साथ ही 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू होगा.
व्रती 27 मार्च को छठ घाटों पर पहुंचकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे. 28 मार्च को उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही महापर्व का समापन होगा. पंचांग के अनुसार, धनलबाद कोयलांचल में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य का समय शाम 5:57 बजे, जबकि उदीयममान सूर्य को अर्घ्य का समय सुबह 05:44 बजे है.
छठ तालाबों में गंदगी का अंबार, नहीं हुई सफाई
चैती छठ महापर्व पर प्रशासन की ओर से शहर के छठ तालाबों की सफाई नहीं की गई है. लोको टैंक सहित अन्य छठ तालाबों किनारे जगह-जगह गंदगी का अंबार लगा हुआ है. लोको टैंक तालाब में तो चारों ओर जलकुंभी फैली हुई है.यदि 27 मार्च की दोपहर तक प्रशासन ने छठ घाटों की सफाई नहीं कराई तो व्रतियों को भगवान सूर्य को अर्घ्य देने में परेशानी का सामना करना पड़ेंगा.
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