प्रधानखंता से मानपुर 204 किलोमीटर तक बिछेगी रेल लाइन, दिसंबर तक समय सीमा
Raja Gupta
Dhanbad : भारतीय रेलवे की सबसे बड़ी परियोजना परियोजना के तहत पश्चिम बंगाल के डानकुनी से धनबाद होकर लुधियाना तक फ्रेट कॉरिडोर यानी समानांतर रेल लाइन बिछाई जाएगी. सूत्रों के अनुसार इस परियोजना की नींव वर्ष 2005 में रखी गई, जिसे 2012 में पूरा करना था. परंतु दिसंबर 2012 तक समय सीमा खत्म होने के बाद भी 15 से 20 प्रतिशत ही डीएफसी का काम हो सका. भूमि अधिग्रहण की समस्या व स्थानीय लोगों के विरोध के कारण अधिकतर जगहों पर काम शुरू ही नहीं सका.
अब भी चार-पांच साल हो सकता है विलंब
डानकुनी से धनबाद होकर लुधियाना तक 1856 किलोमीटर रेल लाइन बिछाने का बजट 57,501 करोड रुपये का है. रेलवे के सीनियर डीसीएम अमरेश कुमार के अनुसार धनबाद रेल मंडल में मानपुर से प्रधानखंता 204 किलोमीटर तक अप-डाउन रेल लाइन बिछाना है. धनबाद रेल मंडल में भूमि अधिग्रहण का काम पूरा करने में ही 18 साल बीत गए. रेल मंत्रालय की ओर से दिसंबर 2023 तक काम पूरा करने की समय सीमा तय की गई है. मात्र चार 4 महीने बचे हैं, जिसमें काम पूरा होने में संदेह है. प्रधानखंता से मानपुर तक 204 किलोमीटर रेल लाइन बिछाना, पोल लगाना, हाई टेंशन तार जोड़ना, सिग्नल पोल, पटरी में सिग्नल प्वाइंट लगाना और उसे रूट रिले इंटरलॉकिंग से जोड़ना, इनमें 4 से 5 साल लग जाएंगे.
समय पर पहुंचेंगी ट्रेनें, मालगाड़ियों की बढ़ेगी रफ्तार
रेलवे अधिकारी कहते हैं कि पश्चिम बंगाल के डानकुनी से धनबाद होकर लुधियाना तक लाइन बिछ जाने के बाद यात्री ट्रेनों सहित मालगाड़ियों के परिचालन में भी तेजी आएगी. रेलवे को राजस्व में वर्तमान की अपेक्षा तीन से पांच गुना अधिक फायदा होगा. यात्री ट्रेनों की लेटलतीफी दूर हो जाएगी. अभी एक ही रेल लाइन पर यात्री ट्रेन और मालगाड़ियां दोनों चलती हैं, जो नहीं होगा.
हादसे के बाद कई ट्रेनें हो जाती हैं रद्द
कई बार हादसा के बाद यात्री ट्रेनों के साथ मालगाड़ि के परिचालन में भी दिक्कत होती है. ट्रेनें रद्द हो जाती हैं या फिर उन्हें डाइवर्ट कर चलाया जाता है. यात्रियों की परेशानी के साथ रेलवे को भी करोड़ों का नुकसान सहना पड़ता है. धनबाद-गया रेलखंड होकर अभी 60 से 70 मालगाड़ियां रोजाना चलती हैं. डेडीकेटेड फ्रेट कॉरिडोर बन जाने के बाद लगभग 100 मालगाड़ियां चलेंगी, जिनकी रफ्तार 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटा होगी. अभी एक मालगाड़ी के रैक में 45 से 58 डिब्बे होते हैं. डीएफसी का निर्माण होने के बाद एक मालगाड़ी में 105 डिब्बे होंगे.
मालगाड़ियां समय पर पहुंचेंगी, किराया होगा सस्ता
हमेशा प्लांट समेत कई कंपनियों को शिकायत रहती है कि मालगाड़ी विलंब से पहुंच रही है. कॉरिडोर का निर्माण हो जाने के बाद सभी तरह की दिक्कतें दूर हो जाएंगी. रेलवे अधिकारी बताते हैं देशभर में 4000 से अधिक किलोमीटर डीएफसी की रेलवे लाइन बिछाई जा रही है. कई जगहों पर सीधे बंदरगाह से भी रेल लाइन को जोड़ा जाएगा. डानकुनी से धनबाद होकर लुधियाना तक लाइन बिछ जाने के बाद झारखंड, बिहार, हरियाणा और पंजाब तक को फायदा होगा. रेलवे को तीन से पांच फीसदी अधिक राजस्व का फायदा होगा.
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