कोल माइंस के पास रहना मुश्किल : विकास
[caption id="attachment_216686" align="aligncenter" width="192"]alt="" width="192" height="300" /> विकास कुमार[/caption] धनसार, नई दिल्ली निवासी विकास कुमार कहते हैं कि कोल माइंस के पास रहना अब मुश्किल होता जा रहा है. घर के पास दो प्रोजेक्ट खुल जाने के कारण सुबह-शाम धूल उड़ती रहती है. निगम की वाटर स्प्रिंकल मशीन तो कभी उनके एरिया में आई ही नही. कोरोना की रफ्तार बढ़ने के बाद भी सेनेटाइजिंग का काम नहीं हो रहा है. बीसीसीएल, निगम की व्यवस्था फेल : संजय [caption id="attachment_216687" align="aligncenter" width="252"]
alt="" width="252" height="300" /> संजय राम[/caption] इंडस्ट्री कोलियरी के रहने वाले संजय राम भी खुली खदानों की धूल-गर्द से परेशान हैं. उन्होंने कहा कि बीसीसीएल और निगम दोनों की व्यवस्था फेल है. बस्तकोला के कृष्ण यादव ने कहा कि निगम को सिर्फ सड़कों की चिंता है. पीपीई किट पहनकर निगम के कर्मी सिर्फ दिखावा करते हैं. कोलियरी क्षेत्र में कहीं पानी का छिड़काव नहीं होता है.
क्या है वाटर स्प्रिंकल मशीन
शहर में बढ़ते प्रदूषण के खतरे को देखते हुए निगम ने वर्ष 2020 में लगभग 76 लाख रुपये चुका कर तीन वाटर स्प्रिंकल मशीन की खरीदारी की थी. एक मशीन में स्मोक गन की सुविधा भी है, जो अग्नि प्रभावित क्षेत्र में आग बुझाने के साथ कोरोना संक्रमण काल में सेनेटाइजिंग का काम भी करती है. कोरोना की पिछली दो लहर में इसका खूब इस्तेमाल भी हुआ. लेकिन अब सिर्फ धूल डस्ट को रोकने के लिये पानी का छिड़काव किया जा रहा है. नगर आयुक्त से जब इस संबंध में जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन उठाना ही जरूरी नहीं समझा. यह भी पढ़ें : निरसा">https://lagatar.in/nirsa-woman-filed-a-case-of-dowry-harassment-against-mother-in-law/">निरसा: महिला ने सास-ससुर के खिलाफ दर्ज कराया दहेज प्रताड़ना का मामला [wpse_comments_template]