Dhanbad : शहर में कोरोना की तीसरी लहर शुरू हो चुकी है. सिर्फ शहरी क्षेत्र से एक दिन में 159 से अधिक संक्रमित मिल रहे हैं. बावजूद शहर में न तो सफाई का काम ठीक से हो रहा है और न ही गली-मुहल्लों में सेनेटाइजिंग और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव हो रहा है. शहर में संक्रमण का स्तर बढ़ने पर अधिकारी कार्यालय से ही गायब रहने लगे हैं. नगर निगम के अधिकारी सिर्फ शहर की मुख्य सड़कों पर पानी का छिड़काव कर अपनी पीठ थपथपाने का काम कर रहे हैं. जिन इलाकों में पानी का छिड़काव होना चाहिए, वहां अब भी धूल उड़ रही है. इधर निगम की फाइलों में हर दिन प्रदूषण कम करने का दावा किया जा रहा है.
कोल माइंस के पास रहना मुश्किल : विकास

धनसार, नई दिल्ली निवासी विकास कुमार कहते हैं कि कोल माइंस के पास रहना अब मुश्किल होता जा रहा है. घर के पास दो प्रोजेक्ट खुल जाने के कारण सुबह-शाम धूल उड़ती रहती है. निगम की वाटर स्प्रिंकल मशीन तो कभी उनके एरिया में आई ही नही. कोरोना की रफ्तार बढ़ने के बाद भी सेनेटाइजिंग का काम नहीं हो रहा है.
बीसीसीएल, निगम की व्यवस्था फेल : संजय

इंडस्ट्री कोलियरी के रहने वाले संजय राम भी खुली खदानों की धूल-गर्द से परेशान हैं. उन्होंने कहा कि बीसीसीएल और निगम दोनों की व्यवस्था फेल है. बस्तकोला के कृष्ण यादव ने कहा कि निगम को सिर्फ सड़कों की चिंता है. पीपीई किट पहनकर निगम के कर्मी सिर्फ दिखावा करते हैं. कोलियरी क्षेत्र में कहीं पानी का छिड़काव नहीं होता है.
क्या है वाटर स्प्रिंकल मशीन
शहर में बढ़ते प्रदूषण के खतरे को देखते हुए निगम ने वर्ष 2020 में लगभग 76 लाख रुपये चुका कर तीन वाटर स्प्रिंकल मशीन की खरीदारी की थी. एक मशीन में स्मोक गन की सुविधा भी है, जो अग्नि प्रभावित क्षेत्र में आग बुझाने के साथ कोरोना संक्रमण काल में सेनेटाइजिंग का काम भी करती है. कोरोना की पिछली दो लहर में इसका खूब इस्तेमाल भी हुआ. लेकिन अब सिर्फ धूल डस्ट को रोकने के लिये पानी का छिड़काव किया जा रहा है. नगर आयुक्त से जब इस संबंध में जानने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन उठाना ही जरूरी नहीं समझा.
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