Nirsa: निरसा (Nirsa) धनबाद एवं चास अंचल के विद्युत कर्मियों को महाप्रबंधक रांची (कार्मिक से सामान्य प्रशासन) के आदेश के बावजूद पदोन्नति नहीं दी जा रही है. हालांकि पदाधिकारियों को धड़ल्ले से पदोन्नति मिल रही है. यदि बिजली कर्मियों को शीघ्र पदोन्नति नहीं मिली तो 4 अप्रैल सुबह 6 बजे से बिजली कर्मी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. उक्त बातें झारखंड राज्य बिजली कामगार यूनियन के प्रदेश महामंत्री राम कृष्णा सिंह ने कही. वह मंगलवार 21 मार्च को निरसा विद्युत कार्यालय में कर्मियों को संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि बिजली कर्मियों के पदोन्नति के सवाल पर विद्युत अधीक्षण अभियंता से वार्ता हुई. वार्ता में आश्वासन के बावजूद कोई असर नहीं हुआ. दुर्भाग्य है कि 20- 25 वर्षों से बिजली कर्मियों को पदोन्नति नहीं दी जा रही है. निरसा बिजली विभाग के अधीन कार्यरत कुशल मजदूर अधीर रवानी, लाइनमैन चरकू मुर्मू इसके उदाहरण हैं. लगभग 22 से 25 वर्ष से ये लोग एक ही पद पर कार्यरत हैं. ऐसे अनेक उदाहरण बिजली विभाग में मौजूद हैं.
उन्होंने कहा कि ज्यादातर स्थानों पर सहायक विद्युत अभियंता का जगह खाली है. एक ही अभियंता तीन तीन जगह के चार्ज में थे. वह भी पदोन्नति पाकर दूसरी जगह योगदान देने चले गए. परंतु उनके स्थान पर किसी की पोस्टिंग नहीं की गई. ऐसी स्थिति में बिजली विभाग का काम दुरुस्त कैसे हो सकता है.
उन्होंने कहा कि कार्यालय में डिग्री एवं डिप्लोमा उत्तीर्ण लिपिक का काम कर रहे हैं. उनकी पदोन्नति एवं पोस्टिंग नहीं हो रही. तय था कि मजदूरों को 25% ओवरटाइम का भुगतान किया जाएगा, परंतु नहीं किया गया. ऐसी स्थिति में हड़ताल के सिवा कोई रास्ता नहीं बचता. हड़ताल से कोयला खदान, रेलवे, पानी, अस्पताल, छोटे-बड़े उद्योग एवं आम उपभोक्ताओं पर असर पड़ेगा. परंतु बिजली मजदूरों के समक्ष कोई विकल्प नहीं है.
महामंत्री ने कहा कि विभाग द्वारा मजदूर कानूनों का हनन किया जा रहा है. निरसा बिजली विभाग में 20 वर्षों से सफाई कर्मी के रूप में कार्यरत विनोद महतो से 8 से 10 घंटे काम लिया जा रहा है, परंतु उन्हें प्रतिमाह मात्र 500 रुपए का भुगतान किया जाता है. झारखंड सरकार के न्यूनतम वेतनमान का भुगतान विनोद को मिलना चाहिए. सभा को इंदु भूषण सिंह, नवल सिंह,अधीर रवानी, याहुद काजी, संतोष कुमार, प्रतिमा कुमारी आदि ने भी संबोधित किया.