आउटसोर्सिंग से निकलने वाले छाई से जनता परेशान [caption id="attachment_39637" align="aligncenter" width="600"]
alt="`हाइवा नहीं चली तो MPL भी नहीं चलेगा`" width="600" height="400" /> `हाइवा नहीं चली तो MPL भी नहीं चलेगा`[/caption]
हाइवा मालिकों के बीच रोजी रोटी का संकट!
वहीं हाइवा स्वावलंबी समिति के अध्यक्ष उज्ज्वल तिवारी ने मीडिया से बातें करते हुए कहा कि, वर्षो पहले स्थानीय लोग अपनी जमीन और जेवरात को बेचकर किसी तरह क़िस्त पर हाइवा खरीदा और एमपीएल में रोजगार शुरू किया. कुछ समय तक सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था. अचानक पता चला कि MPL कोयले की ढुलाई अब रेलवे के द्वारा करेगी. मामले की जानकारी मिलते ही हाइवा मालिक आक्रोशित हो गए और एमपीएल के मुख्य गेट पर पहुँच कर धरने पर बैठ गए. उन्होंने कहा कि अगर कोयले की ढुलाई रेलवे के द्वारा की जाती है तो क्षेत्र के सैकड़ों हाइवा मालिकों के बीच रोजी रोजगार का संकट पैदा हो जाएगा. जिससे हाइवा मालिक पूरी तरह से तबाह और बर्बाद हो जाएंगे. इसे भी पढ़ें- बोकारो:">https://lagatar.in/bokaro-nutrition-message-given-through-rangoli/39600/">बोकारो:रंगोली के माध्यम से दिया गया पोषण संदेश [caption id="attachment_39629" align="aligncenter" width="600"]
alt="हाइवा मालिक बैठे धरने पर" width="600" height="400" /> हाइवा मालिक बैठे धरने पर[/caption]
कोयला ढुलाई से कई लोगों को मिला रोजगार
उन्होंने यह भी कहा कि हाइवा के द्वारा कोयले की ढुलाई से लगभग 25 हजार लोगों का रोजी रोजगार चल रहा है. अगर रेलवे के द्वारा कोयले की ढुलाई की गई तो 25 हजार लोग भूखमरी के कगार पर आ जायेंगे. उन्होंने कहा कि हाइवा मालिक ज्ञापन के माध्यम से MPL प्रबंधन को कहा है कि, सबसे पहले किसी भी परिस्थिति में हाइवा मालिकों की रोजी रोजगार सुनिश्चित करें. इसके बाद ही रेलवे लाइन द्वारा कोयले की आपूर्ति करें. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि, अगर हाइवा मालिकों की मांगें नहीं मानी गईं तो, सोमवार से एमपीएल की सभी छोटी बड़ी ट्रांसपोटिंग ठप कर दी जाएगी. इसे भी पढ़ें- RIL">https://lagatar.in/bokaro-nutrition-message-given-through-rangoli/39600/">RILके सपोर्ट से शेयर बाजार हुआ मजबूत, सेंसेक्स 642 अंक बढ़कर बंद, निफ्टी 14744 पर
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