Dhanbad : आईआईटी आईएसएम (IIT-ISM), धनबाद के छात्र और शोधार्थी अब वैश्विक स्तर पर तकनीकी अनुभव हासिल कर रहे हैं. इंडो-रशियन अकादमिक कोलेबोरेशन के तहत चल रहे समर/विंटर स्कूल प्रोग्राम का तीसरा बैच 30 जून से रूस के सेंट पीटर्सबर्ग माइनिंग यूनिवर्सिटी में शुरू हो गया है. संस्थान के एप्लाइड जियोफिजिक्स विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. सौरभ दत्ता गुप्ता इस अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक कार्यक्रम का संचालन कर रहे हैं. इस संबंध में उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम का मकसद छात्रों और शोधार्थियों को खनन और ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक तकनीकी प्रगति और इंडस्ट्रियल प्रैक्टिस कराना है.
पहले दो बैचों में भी मिल चुका है शानदार अनुभव
पहला बैच (16–29 जून) : पेट्रोलियम जियोलॉजी पर ट्रेनिंग दी गई, इसमें 9 छात्र शामिल हुए.
दूसरा बैच (26 जून–6 जुलाई) : ऑयल एंड गैस इंडस्ट्री के नए ट्रेंड्स पर ट्रेनिंग चल रही है.
चौथा बैच (14–27 जुलाई) : खनिज संसाधन प्रबंधन (मैनेजमेंट इन द मिनरल रिसोर्स कॉम्प्लेक्स) पर ट्रेनिंग होगी, जिसमें 8 छात्र भाग लेंगे.
इंटरनेशनल लेवल की ट्रेनिंग, इंडस्ट्रियल विजिट और कल्चर का मेल
डॉ. गुप्ता ने बताया कि यह ट्रेनिंग प्रोग्राम IIT-ISM, UNESCO और इंटरनेशनल सेंटर फॉर कॉम्पिटेंस इन माइनिंग इंजीनियरिंग एजुकेशन के सहयोग से चलाया जा रहा है, जिसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाली माइनिंग शिक्षा के लिए जाना जाता है. उन्होंने यह भी बताया कि ट्रेनिंग में सिर्फ पढ़ाई ही नहीं, बल्कि इंटरऐक्टिव लेक्चर, हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग, इंडस्ट्रियल विज़िट, मास्टर क्लास, साइटसीइंग और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी शामिल हैं. इससे छात्रों को समग्र (होलिस्टिक) लर्निंग का मौका मिलता है. डॉ. गुप्ता ने कहा कि यह पहल IIT-ISM की उस सोच को मजबूत करती है, जिसके तहत छात्रों को दुनिया की नवीनतम टेक्नोलॉजी और इंडस्ट्री एक्सपोजर देने की कोशिश की जा रही है.
इस कार्यक्रम में IIT-ISM के 6 प्रमुख विभाग हैं शामिल
- - एप्लाइड जियोलॉजी
- - एप्लाइड जियोफिजिक्स
- - माइनिंग इंजीनियरिंग
- - पेट्रोलियम इंजीनियरिंग
- - केमिकल इंजीनियरिंग
- - फ्यूल, मिनरल एंड मेटलर्जिकल इंजीनियरिंग