Dhanbad : आईआईटी आईएसएम धनबाद और केंद्र सरकार का हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय कोल बेड मिथेन (सीबीएम) के दोहन पर मिलकर काम करेंगे. इस संबंध में दोनों संस्थानों के बीच दिल्ली के नोएडा में बुधवार, 6 अप्रैल को एमओयू हुआ है. यह देश में ऊर्जा मांगों को पूरा करने में उपयोगी साबित होगा. हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय प्राकृतिक गैस व पेट्रोलियम मंत्रालय के अधीन है. अब आईआईटी आईएसएम व महानिदेशालय सीबीएम से संबंधित गतिविधियों व भारतीय सीबीएम के संसाधनों के अधिकाधिक इस्तेमाल पर काम करेंगे. आईआईटी आईएसएम इसकी अद्यतन तकनीक का अध्ययन करेगा.
एमओयू पर आईआईटी आईएसएम के निदेशक प्रो. राजीव शेखर और डीजीएच के एडीजी डॉ. आनंद गुप्ता ने हस्ताक्षर किए. मौके पर पेट्रोलियम मंत्रालय इंजीनियरिंग विभाग के प्रो. राजीव उपाध्याय व प्रो. सौरभ दत्तगुप्त मौजूद थे. निदेशक प्रो. राजीव शेखर ने सीबीएम और भारत के अन्य गैरपरंपरागत हाइड्रोकार्बन संसाधनों के विकास के लिए आईआईटी आईएसएम व डीजीएच के बीच सहयोग की आवश्यकता जताई. संस्थान में स्थापित प्रौद्योगिकी नवाचार हब (टीआईएच) के बारे में भी विस्तार से चर्चा की. प्रो. राजीव उपाध्याय ने सीबीएम की संभावनाओं व मूल्यांकन पद्धतियों की मॉडलिंग क्षमताओं पर पेपर प्रस्तुत किया.
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