अवैध ईंट भट्ठा संचालकों का दुस्साहस, समतल जमीन को एक दिन में ही बना दे रहे तालाब
Ranjit Kumar Singh
Dhanbad : झरिया में अवैध ईंट भट्ठा संचालक पूरी तरीके से बेखौफ हैं. इन्हें अब किसी बात का डर नहीं है. इनका दुस्साहस ही है कि दिन के उजाले में ही जेसीबी लगाकर इलाके में जमीन की खुदाई करवाते हैं और ट्रैक्टरों से मिट्टी ढोते हैं. एक नहीं, कई ट्रैक्टर मिट्टी की ढुलाई में लगाए जाते हैं. इस इलाके के जो भी बड़े ईंट भट्ठा संचालक हैं, सभी ऐसा ही करते हैं. इस मिट्टी से ही ईंटों का निर्माण किया जाता है. यदि मिट्टी सरकारी या वन विभाग की जमीन से काटी जा रही है, तो फिर कोई शिकायत होती ही नहीं है. यदि किसी रैयत की जमीन हुई, तो पहले दबंगई की जाती है. बात नहीं बनने पर कुछ ले- देकर मामले को आगे बढ़ने नहीं दिया जाता है.
कई इलाकों में 12-12 फीट तक काट दी मिट्टी
बोर्रागढ़ के कई इलाकों में अवैध भट्ठा संचालकों ने 12-12 फीट तक मिट्टी काट कर समतल जमीन को तालाब में बदल दिया है. ऐसा सिर्फ एक ही जगह नहीं, बल्कि कई-कई स्थानों पर किया जा चुका है. इस जमीन पर जेसीबी लगा कर मिट्टी को जैसे-तैसे काट दिया जाता है. जेसीबी जब लगाया जाता है, उसी दिन ही मिट्टी ढोने के सारे इंतजाम किये जा चुके होते हैं. यानी एक तरफ मिट्टी काटी जाती है और दूसरी तरफ तत्काल ही उक्त मिट्टी को उठा कर ईंट भट्ठों की जमीन पर गिराने का भी काम कर दिया जाता है, ताकि बाद में किसी तरह की कोई गड़बड़ी न हो. इसलिए, कई-कई ट्रैक्टर मिट्टी ढुलाई में लगाए जाते हैं.
बोर्रागढ़ में ही डेढ़ दर्जन अवैध भट्ठा संचालक
इन दिनों बोर्रागढ़ अवैध भट्ठा संचालकों का सबसे बड़ा चरागाह बन गया है. क्योंकि, यहां की अधिकांश जमीन बीसीसीएल और वन विभाग की है. इनकी जमीन पर बिना बेरोक-टोक ईंट भट्ठे चलाये जा रहे हैं. कुछ रैयती जमीन पर भी भट्ठों का संचालन हो रहा है. इन्हें सीजन या फिर सालाना के हिसाब से कुछ रकम दी जाती है. इसके बदले इनकी पूरी की पूरी जमीन ही बर्बाद कर दी जाती है.
ये हैं भट्ठा संचालक
1. उपेंद्र पासवान
2. विनोद सिंह
3. अशोक सिंह
4. मुख्तार खान
5. शेख सुल्तान
6. राय ब्रदर्स
7. लूटन रवानी
8. चमन सिंह
9. झगड़ू सिंह
10. मो डोमन
11. गुड्डू पासा
12. नेपाली
13. मो डिस्को
14. राजेश सिंह
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