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Maithon : श्रम नियोजन मंत्रालय, भारत सरकार ने झारखंड सरकार के श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण मंत्रालय के अधीन संचालित ईएसआई अस्पताल मैथन के संचालन का अधिकार 9 जून शुक्रवार को वापस ले लिया है. ईएसआई मुख्यालय (रांची) के डॉ दिनेश कुमार राकेश ने ईएसआई कारपोरेशन क्षेत्रीय निदेशक राजीव रंजन को अस्पताल विधिवत हैंड ओवर किया. अब इस अस्पताल को ईएसआई कॉरपोरेशन संचालित करेगा. कॉरपोरेशन इसे मल्टी सुपर अस्पताल बनाने की योजना पर काम कर रहा है.
झारखंड सरकार से हैंड ओवर-टेक ओवर की प्रक्रिया पूरी
राज्य सरकार के अधीन केवल ईएसआई स्कीम के चिकित्सालयों का का अधिकार बच गया है. हैंड ओवर-टेक ओवर की प्रक्रिया पूरी करने के लिए कॉरपरेशन एवं ईएसआई मुख्यालय, रांची की टीम 8 जून गुरुवार को ही मैथन आ गई थी. टीम ने पहले दिन लिस्ट के अनुसार अस्पताल की सम्पत्ति का निरीक्षण किया. दूसरे दिन 9 जून शुक्रवार को हैंड ओवर-टेक ओवर की प्रक्रिया पूरी की गई. इस मौके पर राज्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अर्चना तिर्की, अस्पताल के अधीक्षक डॉ राजेन्द्र कुमार सहित अस्पताल के कर्मी मौजूद थे.
ज्ञात हो कि ईएसआई भारत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसे केंद्रीय श्रम नियोजन एवं प्रशिक्षण के अधीन ईएसआई कॉरपोरेशन के निर्देशन में पूरे देश में संचालित किया जा रहा है. हालांकि कुछ शर्तों पर कॉरपोरेशन ने राज्य सरकारों के श्रम नियोजन व प्रशिक्षण मंत्रालय को भी यह अधिकार दे रखा है, जहां ईएसआई के तहत पंजीकृत मजदूरों का मुफ्त इलाज किया जाता है.
अव्यवस्था के कारण अधिकार वापस लिया
झारखंड राज्य गठन के बाद से ही 110 बेड वाले इस अस्पताल की स्थिति बदतर होती चली गई. अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, दवा आदि का अभाव रहा. मरीजों का ठीक से इलाज भी नहीं हो पा रहा था. अस्पताल भवन व कर्मियों के आवासों की स्थिति भी जर्जर हो गई थी. अस्पताल की शिकायतों का अंबार लग गया. इसके बाद केंद्र सरकार ने अस्पताल के संचालन करने का अधिकार झारखंड सरकार से वापस लेने का निर्णय लिया. इससे पूर्व भी वर्ष 2006 में नामकुम, रांची और 2009 में आदित्यपुर, जमशेदपुर स्थित ईएसआई अस्पताल को केंद्र सरकार वापस ले चुकी है.
राज्य सरकार ने कर्मियों का किया तबादला
ईएसआई अस्पताल मैथन को वापस लेने के निर्णय के बाद झारखंड सरकार ने चिकित्सकों व अन्य कर्मियों को विगत अप्रैल माह में ही विभिन्न ईएसआई चिकित्सालयों में तबादला कर दिया है. सभी आज हैंड ओवर-टेक ओवर होने के साथ ही स्वतः विरमित हो गए हैं. अब इन कर्मियों को भी जल्द ही अस्पताल के आवास भी खाली करने होंगे.
मजदूरों में खुशी की लहर
ईएसआई अस्पताल मैथन को केन्द्र सरकार के अधीन होने की खबर से मजदूरों में खुशी की लहर है. इस अस्पताल के मल्टी सुपर बनने के बाद मजदूरों को बेहतर इलाज की उम्मीद है. इस साल के अंत तक इस अस्पताल को मल्टी सुपर अस्पताल का रूप देने की संभावना जताई जा रही है. पूरे राज्य में ईएसआई स्कीम के तहत यह सबसे बड़ा मल्टी सुपर अस्पताल होगा. पंजीकृत मजदूरों के साथ यहां के लोगों का भी बेहतर इलाज होगा. फिलहाल पूरे धनबाद जिले में एक भी मल्टी सुपर अस्पताल नहीं है. बेहतर इलाज के लिये लोगों को बोकारो, रांची, दुर्गापुर, कोलकाता, दिल्ली सहित अन्य राज्यों में जाना पड़ता है. यह परेशानी अब दूर हो जाने की उम्मीद है.
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