यह है पूरा मामला
जगजीवन नगर सरायढेला में दिल्ली पब्लिक स्कूल की जूनियर ब्रांच का भवन निर्माण हो रहा है. इसके लिए वर्ष 2021 में 16 करोड़ रुपए का टेंडर निकाला गया था. निर्माणकर्ता बिल्डर अमित और राकेश ने 27 फरवरी को प्रेसवार्ता कर कहा था कि स्कील की ओर से उन्हें दो किस्तों में आठ करोड़ रुपए एडवांस में दिए गए थे. भवन का 80% काम पूरा होने के बाद स्कूल प्रबंधन ने भुगतान रोक दिया. नोटिस भेजने पर भी जब भुगतान नहीं मिला, तो इसकी शिकायत डीपीएस दिल्ली स्थित मुख्यालय और बीसीसीएल के सीएमडी से की. बिल्डर ने दावा किया था कि भवन का निर्माण पूर्ण हो चुका है. बाहरी व आंतरिक प्लास्टर का भी काम पूरा कर दिया गया है. केवल पेंटिंग, वायरिंग और फर्निशिंग बाकी है. इसके लिए बकाए पैसे की मांग की जा रही थी.भवन का थर्ड पार्टी मूल्यांकन की मांग पर अड़ी रहीं प्राचार्य
इस पूरे मामले पर प्राचार्य सरिता सिन्हा ने उस समय बताया था कि स्कूल प्रबंधन ने किस्त की राशि देने से कभी मना नहीं किया है. उन्होंने बिल्डिंग के थर्ड पार्टी एसेसमेंट के बाद 15 साल की क्वालिटी इंश्योरेंस प्रोग्राम, जीएसटी बिल एवं अन्य दस्तावेज की मांग की थी. उनका तर्क है कि भवन में छोटे-छोटे बच्चों के साथ हजारों की संख्या में प्रतिदिन उपस्थिति रहेगी, जिसकी वजह से भवन की गुणवत्ता में चूक बर्दाश्त नहीं की जा सकती. जब तक बिल्डर थर्ड पार्टी मूल्यांकन के बाद प्रोग्राम नहीं देंगे, बिल्डिंग को हैंड ओवर नहीं लिया जा सकता. थर्ड पार्टी मूल्यांकन के बाद ही किस्त का भुगतान संभव है.कई दौर की वार्ता के बाद भी नहीं सुलझा विवाद
स्कूल प्रबंधन और सुल्तानिया बिल्डर्स के बीच विवाद जनवरी 2022 से चल रहा है. इस दौरान बिल्डर ने स्कूल को नोटिस दिया. फिर, डीपीएस मुख्याल दिल्ली को शिकायत की. इसके बाद दोनों पक्षों के बीच कई दौर की बातचीत हुई, लेकिन सुलह का रास्ता नहीं निकलने पर स्कूल प्रबंधन ने कोर्ट का रास्ता चुना है. अब कोर्ट में जिरह के बाद ही निर्णय आएगा, तब तक जिले में एक और डीपीएस में अपने बच्चों का नामांकन का सपना देख रहे अभिभावकों को इंतज़ार करना होगा. यह भी पढ़ें : धनबाद">https://lagatar.in/dhanbad-dead-body-of-a-young-man-found-floating-in-the-water-of-a-closed-mine-in-barora/">धनबाद: बरोरा में बंद खदान के पानी में तैरता मिला युवक का शव [wpse_comments_template]