Dhanbad : कृषि कानून बिल को वापस लिये जाने की मांग को लेकर भारतीय किसान यूनियन एकता तथा भारत की कम्युनिस्ट पार्टी ने रविवार को रणधीर वर्मा चौक पर थाली पीट कर विरोध जताया है. कांग्रेस जिला अध्यक्ष बृजेन्द्र सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा लागू कृषि कानून बिल के खिलाफ दिल्ली, पंजाब, हरियाणा समेत कई स्थानों पर किसान पिछले कई दिनों से आंदोलनरत हैं. ऐसे में कई किसानों की मौत भी हो चुकी है.
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पीएम मोदी तक किसानों की बात पहुंचेने की हो रही कोशिश
इसके बावजूद केंद्र सरकार किसी बात को सुनने को तैयार नहीं है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मन की बात कर रहे है. ऐसे में पीएम मोदी मन की बात के बजाय किसानों से बात करनी चाहिए. इसी बात को बताने के लिए देशव्यापी स्तर पर धनबाद में रविवार को थाली पीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कान तक किसानों की आवाज को पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है.
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कड़कड़ाती ठंड़ में किसानों का आंदोलन जारी
बता दें कि कई किसान संगठन कृषि कानून बिल वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली सीमा पर पिछले एक माह से आंदोलनरत है. जबकि सरकार का कहना है कि आंदोलन में अर्बन नक्सल का बोलबाला है. किसानों की समस्याओं को सरकार सुनने को तैयार हैं, परंतु आंदोलन को हाईजैक कर देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम दिये जाने की साजिश की जा रही है. ऐसे में आंदोलनकारियों से वार्ता करना संभव नहीं है. जबकि केंद्र सरकार के प्रतिनिधि, कई केंद्रीय मंत्री ने किसान नेताओं से कई दौर की बातचीत हो चुकी है, परंतु वार्ता का कोई सकारात्मक परिणाम अब तक सामने नहीं आया है. जिससे आंदोलन लंबा खींचा जा रहा है. सरकार के द्वारा बातचीत नहीं होने से क़ड़कड़ाती ठंड में किसानों को आंदोलन करना पड़ रहा है.
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