12 घंटे ड्यूटी, 20,000 के बदले जूनियर को 8,000 व सीनियर को 10,000 वेतन
Dhanbad: रेलवे के धनबाद समेत कई रेल मंडलों में सैकड़ों विभागों को आउटसोर्सिंग कंपनियों के हवाले कर दिया गया है. कई विभागों का निजीकरण होने से शिक्षित बेरोजगार युवकों को नौकरी तो मिल गई, लेकिन आउटसोर्सिंग कंपनियों के तहत उन्हें 8 के बदले 12 घंटे ड्यूटी ककरनी पड़ती है. वेतन भरे गए फॉर्म के हिसाब से काफी कम देते हैं. पीएफ, ईएसआई और साप्ताहिक अवकाश की तो कहीं कोई बात ही नहीं. पूछताछ कार्यालय वेबटेक कंपनी के हवाले
सूत्रों के अनुसार वर्ष 2016 में धनबाद रेल मंडल के 13 रेलवे स्टेशनों के पूछताछ कार्यालयों को वेबटेक आउटसोर्सिंग कंपनी के हवाले कर दिए गया. पटना की इस कंपनी ने पूछताछ कार्यालयों का काम संभाल लिया. कंपनी के कर्मी तीन शिफ्ट में ड्यूटी करने लगे. कुछ दिनों तक तीन शिफ्ट में, फिर सभी को 12-12 घंटे ड्यूटी करने को विवश किया जाने लगा. धीरे-धीरे कर्मचारियों की संख्या में भी कटौती होने लगी. किसी पूछताछ कार्यालय में 24 घंटे में दो तो कहीं 4 और 6 कर्मचारी दिखने लगे. 20,000 रुपये वेतन के बदले जूनियर को 8000 और सीनियर को 10,000 रुपये मिलते हैं. शिकायत करने पर दिखा देते हैं बाहर का रास्ता
8 साल में कोई भी रेलवे का अधिकारी जांच करने नहीं आया कि पूछताछ कार्यालय में तीनों शिफ्ट में दो-दो कर्मचारी बैठते हैं या नहीं. उन्हें कंपनी के मालिक पूरा वेतन देते हैं या नहीं, इसकी चिंता भी किसी ने नहीं की. लोगों का कहना है कि कंपनी के मालिक और रेलवे के अधिकारियों की मिलीभगत से ही कर्मचारियों का शोषण हो रहा है. सरकार के पैसे का भी घोटाला हो रहा है. इस संबंध में पूर्व में एक दो कर्मचारियों ने डीआरएम व पूर्व मध्य रेलवे हाजीपुर मुख्यालय के जीएम से शिकायत भी की. परंतु कोई सुधार नहीं हुआ. उल्टे वैसे कर्मचारियों को कंपनी के मालिक ने बाहर का रास्ता दिखा दिया. यही वजह है कि अब कोई भी कर्मचारी न तो विरोध करता है और न ही किसी अधिकारी से शिकायत करता है. कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है: मैनेजर पप्पू सिंह
आउटसोर्स कर्मियों का बैंक खाता भी कंपनी मालिक ने अपने पास रख लिया है. खाता में कंपनी के मालिक 20,000 रुपये जमा कर देते हैं, लेकिन कंपनी के मुंशी कर्मचारियों के हाथ में 8000 से 10,000 रुपये ही देते हैं. आउटसोर्सिंग कंपनी के मैनेजर पप्पू सिंह का कहना है कि कर्मचारियों से 8 घंटे ही काम लिया जाता है और उन्हें हर माह समय पर पूरा वेतन मिलता है. पीएफ, ईएसआई और साप्ताहिक अवकाश की भी सुविधा सभी कर्मचारियों को मिलती है. 13 स्टेशनों पर तीन शिफ्ट में दो-दो कर्मचारी काम करते हैं. कहीं कोई गड़बड़ी नहीं है. रेलवे अधिकारी के अनुसार, धनबाद के अलावा गोमो, पारसनाथ, हजारीबाग, कोडरमा, चंद्रपुरा, बरकाकाना, पतरातू, डालटनगंज, गढ़वा, चोपन, रेणुकोट और सिंगरौली स्टेशनों के पूछताछ कार्यालयों को आउटसोर्सिंग कंपनी के हवाले किया गया है. इन कार्यालयों में 50 रेलकर्मी थे, जिन्हें वहां से हटा कर टिकट चेकिंग में लगा दिया गया है. [wpse_comments_template]
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