Dhanbad: शहर में लोगों की सुरक्षा के लिए चौक-चौराहों पर लगा सीसीटीवी कैमरा यूं तो हर जगह काम नहीं कर रहा, मगर जल्द ही पूरी तरह बेकार भी हो जएगा. क्योंकि कैमरा लगाने वाली मेपल कम्पनी का पांच साल का टर्म पिछले साल ही पूरा हो गया है. नगर निगम के पास कैमरा ठीक कराने के लिए अलग से कोई फंड नहीं है. सिर्फ एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप से काम चल रहा है.
कौन सोचेगा आम लोगों की सुरक्षा पर
निगम के अधिकारियों का साफ कहना है कि कैमरा पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल के कार्यकाल में लगा था. अलग से कोई फंड की व्यवस्था नहीं की गई थी. फिर भी सात साल तक कैमरा का मेंटनेंस किया गया. अब पैसा नहीं है. फंड की व्यवस्था होगी तो कैमरे के बारे में सोचा जाएगा. थाना और कंट्रोल रूम के कर्मी भी कैमरा खराब होने का सवाल सुनकर निगम से ज़बाब मांगने की बात कह कर पल्ला झाड़ लेते हैं. इस विभागीय खींच तान के चक्कर में आम लोगों की सुरक्षा पर कौन सोचने वाला है.
सात साल पहले पांच करोड़ हुआ था खर्च
शहर में आपराधिक गतिविधियों पर नजर रखने के लिए वर्ष 2017 में शहर के 28 स्थानों पर 116 आधुनिक क्लोज सर्किट टीवी कैमरे लगाए गए थे. सभी कैमरों को जिला नियंत्रण कक्ष से जोड़ा गया था. इस पर पांच करोड़ रुपये खर्च किये गए थे. आज इनमे से 66 कैमरे खराब हो चुके हैं, जो बचे है उसमें भी तस्वीर धुंधली आने लगी है.
शहर में बढ़ रही हैं आपराधिक घटनाएं
वासेपुर गैंग की आपसी लड़ाई से लेकर शहर के अलग अलग स्थानों पर पिछले तीन माह में एक दर्जन से अधिक आपराधिक घटनाएं घट चुकी हैं. अपराधी घटना को अंजाम देने के बाद आराम से शहर से निकल जाते हैं और पुलिस हाथ मलती रह जाती है.
फिलहाल कोई उम्मीद नहीं: सहायक अभियंता
धनबाद नगर निगम के सहायक अभियंता जय कुमार महतो कहते हैं कि नगर निगम में अभी फंड नहीं है. इसीलिए सीसीटीवी कैमरा की मरम्मत का काम बंद है. फंड की व्यवस्था होगी और वरीय अधिकारियों का आदेश आएगा तो मरम्मत भी शुरू करा दी जाएगी. हालांकि फिलहाल इसकी भी उम्मीद नहीं है.