बीडीओ ने नोडल पदाधिकारी को भेजा, झेलना पड़ा आक्रोश
Maithon : एग्यारकुंड प्रखंड की मुगमा गोपीनाथपुर बस्ती के बाउरी टोला व आदिवासी टोला के लोग कोयला खदान का गंदा पानी पीने को मजबूर हैं. दो पीढ़ियां गुजर गईं, लेकिन अब तक यहां पानी की समुचित व्यवस्था नहीं हो पाई है. मुखिया, विधायक, सांसद व पेयजल विभाग से फरियाद कर लोग थक गये हैं. अब उन्होंने मन बना लिया है कि किसी नेता के चक्कर में नहीं पड़ेंगे. समस्या के समाधान के लिए खुद लड़ेंगे. ग्रामीण इस बार लोकसभा चुनाव में वोट का वहिष्कार करेंगे. वोट बहिष्कार की बात एग्यारकुंड बीडीओ तक पहुंची. उन्होंने सोमवार को नोडल पदाधिकारी प्रमोद झा को उक्त बस्ती में भेजा. बस्ती पहुंचते ही नोडल पदाधिकारी झा को ग्रामीणों के आक्रोश का सामना कराना पड़ा. जमकर नारेबाजी हुई. ग्रामीणों कहा कि पानी नहीं मिला, तो वोट नहीं देंगे. हर बार नेता आते हैं और झूठा दिलासा देकर चले जाते हैं. नोडल पदाधिकारी ने ग्रामीणों से बात की. समुचित पानी की व्यवस्था कैसे हो इस संबंध में सुझाव मांगा. उन्हें भरोसा दिलाया कि समस्या से बीडीओ को अवगत कराकर निदान की पहल की जायेगी. तब जाकर ग्रामीण शांत हुए.
मुखिया की भी हुई खूब फजीहत
नोडल पदाधिकारी प्रमोद झा के साथ पहुंचीं गोपीनाथपुर पंचायत की मुखिया बंदना देवी को खूब फजीहत झेलनी पड़ी. ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि आपके रहते राजकीय प्रावि के बच्चों को खदान का गंदा पानी पीना पड़ता है. दस साल से आप मुखिया हैं, लेकिन पानी की व्यवस्था के लिये कुछ नहीं किया.
चापाकल से नहीं निकलता पानी
बस्ती में चापानल है, लेकिन उससे पानी नहीं निकलता है. मिनी वाटर टंकी भी है, लेकिन जलस्तर नीचे रहने के कारण समुचित पानी नहीं मिलता. मुगमा जलापूर्ति योजना की एग्यारकुंड स्थित पानी टंकी से पाइपलाइन बिछाई गई है, मगर दूरी व ऊंचाई के कारण यहां तक पानी नहीं पहुंच पाता है.
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