New Delhi : केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने आज मंगलवार को कहा कि वह वायु प्रदूषण कम करने के लिए डीजल वाहनों और जेनसेट पर प्रदूषण कर के रूप में 10 प्रतिशत अतिरिक्त जीएसटी लगाने का अनुरोध करेंगे.
">https://lagatar.in/category/desh-videsh/"> नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
सियाम के 63वें वार्षिक सम्मेलन में बोल रहे थे नितिन गडकरी
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के 63वें वार्षिक सम्मेलन में बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि प्रदूषण का बढ़ता स्तर लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है. गडकरी ने कहा, मैं आज शाम वित्त मंत्री को एक पत्र सौंपने जा रहा हूं जिसमें डीजल से चलने वाले वाहनों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त जीएसटी लगाए जाने की बात कहीं गयी है.
टाटा मोटर्स ,मारुति सुजुकी,महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर गिरे
गडकरी के बयान के बाद दोपहर 12 बजे तक महिंद्रा एंड महिंद्रा के शेयर 2.38 फीसदी, टाटा मोटर्स के शेयर 2 फीसदी और मारुति सुजुकी के शेयर 0.8 फीसदी की गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे.बता दें कि देश में वर्तमान में ज्यादातर वाणिज्य वाहन डीजल से चलते हैं. हालांकि मारुति सुजुकी इंडिया और होंडा सहित विभिन्न कार निर्माताओं ने यात्री वाहन खंड में डीजल से चलने वाली कार का निर्माण पहले ही बंद कर दिया है. गडकरी ने कहा कि देश में डीजल कार पहले ही काफी कम हो गयी हैं. निर्माताओं को इन्हें बाजार में बेचना बंद करना होगा.
गडकरी ने डीजल को खतरनाक ईंधन करार दिया
गडकरी ने डीजल को खतरनाक ईंधन करार देते हुए कहा कि मांग को पूरा करने के लिए देश को ईंधन का आयात करना पड़ता है. गडकरी ने कहा, डीजल को अलविदा कहें...कृपया इन्हें बनाना बंद करें, नहीं तो हम कर इतना बढ़ा देंगे कि डीजल कार बेचना मुश्किल हो जायेगा. इस क्रम में उन्होंने कहा कि वह डीजल से चलने वाले जेनरेटर पर भी अतिरिक्त जीएसटी का प्रस्ताव रखेंगे.
वर्तमान में ऑटोमोबाइल पर 28 प्रतिशत जीएसटी है
वर्तमान में ऑटोमोबाइल पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है, साथ ही वाहन के प्रकार के आधार पर एक प्रतिशत से 22 प्रतिशत तक अतिरिक्त उपकर लगता है. गडकरी ने उद्योग से इथेनॉल जैसे पर्यावरण-अनुकूल वैकल्पिक ईंधन और हरित हाइड्रोजन पर ध्यान केंद्रित करने को भी कहा.
ऊर्जा परिवर्तन एडवाजरी कमिटी ने सुझाव दिया था
जान लें कि मई में ऊर्जा परिवर्तन एडवाजरी कमेटी ने सुझाव दिया था कि भारत में 2027 तक 10 लाख से अधिक आबादी वाले सभी शहरों में डीजल से चलने वाले फोर व्हीलर पर प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए. [wpse_comments_template]