Ranchi: लिट्टीपाड़ा विधायक दिनेश विलियम मरांडी को झामुमो ने सभी पदों से मुक्त करते हुए छह साल के लिए निष्कासित कर दिया है. पार्टी के महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने इससे संबंधित आदेश जारी कर दिया है. जारी आदेश में कहा गया है कि दिनेश विलियम मरांडी से जवाब मांगा गया था, पर उन्होंने समय सीमा के अंदर कोई जवाब नहीं दिया. इससे यह प्रमाणित होता है कि उनपर लगाए गए आरोप सही हैं. बता दें कि शुक्रवार को दिनेश मरांडी ने केंद्रीय मंत्री और झारखंड भाजपा के चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान की सभा में औपचारिक रूप से भाजपा की सदस्यता ग्रहण की थी. दिनेश मरांडी की नाराजगी का मुख्य कारण झामुमो द्वारा उनका टिकट काटकर हेमलाल मुर्मू को देना था. पार्टी से नाराज दिनेश ने सार्वजनिक रूप से झामुमो और हेमंत सोरेन पर सवाल उठाए थे.
वायरल वीडियो से विवाद
एक वायरल वीडियो में दिनेश मरांडी ने दावा किया कि हेमंत सोरेन का परिवार झारखंड का मूल निवासी नहीं है. उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन के दादा बंगाल के पुरुलिया से आकर निमरा में बसे थे. उन्होंने सवाल उठाया कि क्यों हेमंत सोरेन सरकार ने पूर्ण बहुमत के बावजूद 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति को लागू नहीं किया. दिनेश मरांडी के बयान को गंभीर अनुशासनहीनता मानते हुए झामुमो के केंद्रीय महासचिव विनोद कुमार पांडेय ने उन्हें शोकॉज नोटिस जारी किया. 24 घंटे के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया था. पार्टी ने स्पष्ट किया कि संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की बात कही थी. लेकिन जबाव देने से पहले ही भाजपा में शामिल हो गये. दिनेश मरांडी का भाजपा में शामिल होना पार्टी के लिए झारखंड में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है. यह कदम विशेष रूप से झामुमो के गढ़ कहे जाने वाले क्षेत्रों में भाजपा के प्रभाव को बढ़ा सकता है.
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