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काशी के घाटकर्मी की आपबीती - जिंदगी में ऐसा मंजर न देखा, लाश गिनते-गिनते थक गये

Lagatar Desk :  यूपी में बेकाबू होता कोरोना वायरस अब वाराणसी में भी भयावह मंजर दिखाने लगा है. अंत्येष्टि के लिए घाट पर लाशों की लंबी कतार लगी है. कई घंटों के इंतजार और मिन्नतों के बाद जलाने के लिए लकड़ी मिल रही है. काशी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है. हरिशचंद्र घाट के एक कर्मचारी ने गुरुवार रात पत्रकारों को बताया, “अपनी जिंदगी में हमने ने इतने भयावह हालात नहीं देखे. हम लाशें गिनते-गिनते थक गये. घाट पर शवों को जलाने के लिए पांच से छह घंटे इंतजार करना पड़ रहा है. नीचे से ऊपर तक कहीं जगह नहीं है. लकड़ी मिलने में भी समस्या हो रही है.

मिन्नतों और घंटों इंतजार के बाद मिली गीली लकड़ी

कर्मचारी ने कहा कि जो लकड़ी मिली है, वह गीली लकड़ी है. यह लकड़ी भी बहुत मुश्किल से सिफारिश लगाने के बाद मिल रही है. बहुत मिन्नतों और पांच से छह घंटे इंतजार करने के बाद के बाद लकड़ी दी गयी है. फिलहाल यहां 25 से 30 लोगों की वेटिंग चल रही है. यह पूछने पर कि जितनी लाशें जलायी जा रही हैं, सभी क्या कोरोना से मरने वाले हैं, इस पर कर्मचारी ने कहा कि शव सील पैक करके आ रहे हैं. तो इसे कोरोना ही कहा जा सकता है. और क्या कह सकते हैं. बनारस में कुल 88 घाट हैं. अधिकांश घाटों पर स्नान और पूजा समारोहों का आयोजन होता है. दो घाटों मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट का उपयोग विशेष तौर पर श्मशान घाट के रूप में किया जाता हैं.

1 दिन में सबसे ज्यादा 2,17,353 नये केस

भारत में लगातार दूसरे दिन कोरोना संक्रमण के दो लाख से अधिक नये मामले सामने आये हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शुक्रवार सुबह आठ बजे के आंकड़ों के अनुसार संक्रमण से 1,185 और लोगों की मौत हुई. अब देश में मरनेवालों की कुल संख्या बढ़कर 1,74,308 हो गयी है. 19 सितंबर, 2020 के बाद से एक दिन में मरनेवालों की यह सर्वाधिक संख्या है. अब तक 1,42,91,917 लोग संक्रमित हो चुके हैं. इलाजरत मरीजों की संख्या 15 लाख से ज्यादा है. यह संक्रमण के कुल मामलों का 10.98 फीसदी है. ठीक होनेवाले लोगों की दर घट कर 87.80 प्रतिशत हो गयी.

 

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