Saraikela : चांडिल डैम के विस्थापितों ने वहां के कार्यपालक अभियंता संजीव कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. संजीव कुमार को चांडिल डैम से स्थानांतरण किए जाने की मांग को लेकर 116 गांव युवा विस्थापित संगठन के बैनर तले ग्रामीण मंगलवार को डीसी ऑफिस पहुंचे.
लापरवाही के कारण 43 गांवों में आधी रात को घुसा पानी
विस्थापितों का आरोप है कि 31 जुलाई को बांध का जलस्तर अचानक बढ़ जाने से 43 गांवों में आधी रात को पानी घुस गया, जिससे घरों को नुकसान पहुंचने के साथ-साथ सामानों को भी भारी क्षति हुई. मौसम विभाग की चेतावनी के बावजूद चांडिल डैम के रेडियल गेट को बंद रखा गया. विभाग की इस बड़ी चूक का खामियाजा ग्रामीणों को उठाना पड़ा. ग्रामीणों का कहना है कि चांडिल डैम के पानी से न बिजली उत्पादन हो रहा है और ना ही सिंचाई के काम आ रहा है तो क्यों बारिश के मौसम में इसका जलस्तर 179 एमएम से अधिक ले जाया जाता है. हाल ही में चक्रवाती तूफान के समय भी जलस्तर काफी अधिक हो जाने से तटीय इलाकों के किसानों के कई एकड़ गरमा धान जलमग्न हो गए. जिससे उन्हें काफी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा.
10 दिन में तबादला नहीं हुआ तो धरने पर बैठेंगे विस्थापित
ग्रामीणों ने कहा कि संगठन की ओर से 3 जून को अनुरोध किया गया था कि डैम का जलस्तर 179 एमएम से अधिक नहीं किया जाए. इसके बावजूद उनके अनुरोध को अनदेखा कर 43 गांव के लोगों को डूबने के लिए छोड़ दिया गया. ग्रामीणों ने इसके लिए कार्यपालक अभियंता को दोषी ठहराते हुए उनके स्थानांतरण की मांग की. संगठन की ओर से कहा गया कि यदि 10 दिन के अंदर संजीव कुमार का तबादला नहीं किया जाता है तो संगठन एक दिवसीय धरना प्रदर्शन को मजबूर होगा.
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