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Dhanbad : कम बारिश से धनबाद में पीने के पानी की कमी नहीं होगी. ऐसा इसलिए कि जलाशयों में काफी पानी है. धनबाद जिले में इस मानसून में अब तक सामान्य से 31 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इससे कृषि कार्य प्रभावित हो सकता है, लेकिन एक साल तक पीने के पानी की कमी नहीं होगी.
तीन जल स्रोतों से 12 लाख लोगों की बुझती है प्यास
जिले के लगभग 12 लाख लोगों की प्यास मुख्यत: तोपचांची झील, दामोदर नदी तथा मैथन डैम से बुझती है. झारखंड खनिज विकास प्राधिकार [झमाडा] के टेक्निकल मेंबर [टीएम] इंद्रेश शुक्ला के अनुसार तोपचांची झील में 68 फीट पानी है. यह एक साल तक प्यास बुझाने के लिए काफी है. उनका कहना है कि अगर साल भर बारिश नहीं हुई, तब भी एक साल तक जलापूर्ति की जा सकती है. उन्होंने बताया कि तोपचांची झील में पारसनाथ की पहाड़ियों से पानी आता है.
झील में 30 फीट अधिक पानी
झील में पानी का अधिकतम लेवल 75 फीट है. पहले 52 से 53 फीट पानी आता था. गर्मी में घटकर 24 से 25 फीट तक रहता था. इस वर्ष गर्मी में पानी का लेवल 64 फीट था यानी पहले से 30 फीट अधिक. फिलहाल 68 फीट के आसपास है. श्री शुक्ला ने कहा कि अगर अच्छी बारिश हुई, तो जलस्तर 75 फीट तक आसानी से पहुंच जाएगा. इसके अलावा दामोदर नदी है. जिस का जलस्तर फिलहाल बढ़िया है.
मैथन डैम का जलस्तर 451 क्यूसेक
DVC के जनसंपर्क अधिकारी अपूर्वा साहा ने बताया कि डैम का मौजूदा लेवल 451 क्यूसेक है. जिससे एक साल तक जलापूर्ति की जा सकती है. अगर इस साल अच्छी वर्षा नहीं हुई तो अगले वर्ष थोड़ी परेशानी होगी. उन्होंने कहा कि पिछले 4 वर्षों से ऐसी नौबत नहीं आई है कि डैम का जलस्तर कम हो. डैम का अधिकतम लेवल 490 क्यूसेक है. 490 क्यूसेक डेंजर लेवल में आता है. 485 क्यूसेक जलस्तर होने पर डैम के 4 से 6 गेट खोल दिए जाते हैं .
किस इलाके में कहां का पानी
1. मैथन का पानी 19 जलमीनारों से स्टील गेट, हीरापुर, पुराना बाजार, भूदा, बरमसिया, मेमको मोड़, पालीटेक्निक, गांधी नगर, SNMMCH, धोवाटांड़, धनसार, भूली, मटकुरिया, वासेपुर, चिरागोड़ा, हिल कॉलोनी, मनईटांड़, पुलिस लाइन, गोल्फ ग्राउंड आदि में सप्लाई की जाती है.
2. दामोदर नदी से झरिया, बस्ताकोला, भागा, फुसबंगला, डिगवाडीह, पाथरडीह ,भौरा जामाडोबा, पुटकी बस्ती, केंदुआ डीह बस्ती, भागाबांध, पुटकी करकेंद, केंदुआ ,लोयाबाद, कुसतौर, भूली, ईस्ट बंसुरिया तथा मुनीडीह में जलापूर्ति की जाती है.
3. तोपचांची झील से कतरास में जलापूर्ति की जाती है.
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