चुनावी फायदे के लिए अर्धनिर्मित मंदिर का उदघाटन करा देने का प्रमाण अब सामने आने लगा है-सच्चे राम भक्त इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे, कार सेवा देने को तैयार, मगर रामल्ला को भींगने नहीं देंगे
Ranchi : अयोध्या के श्री राम मंदिर के गर्भ गृह से पहली ही बरसात में पानी टकपना भाजपा का आस्था का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार है. यह बात हम नहीं कर रहे हैं .मंदिर के मुख्य आचार्य महंत शैलेंद्र दास जी ने देश को बताया रामपथ पहली बारिश में बह गया. रेलवे स्टेशन की चहारदीवारी भी गिरने लगे हैं. अभी तो यह मानसून ठीक से आया भी नहीं है. पूरा मानसून बाकी है. सोचिए क्या आगे क्या होगा. यह उस अवतार पुरुष के लिए सबक है जो खुद कहते हैं कि मैं बॉयोलिजिकल पैदा नहीं हुआ, जो यह कहते थे कि वह कहीं भी भगवान श्री राम को ले जा सकते हैं, उनकी जिद के कारण एक अर्धनिर्मित मंदिर का केवल और केवल चुनावी फायदे के लिए कर प्राण प्रतिष्ठा कर उदघाटन करा दिया गया.
उस समय भी शंकरचार्य ने इसका विरोध किया था मगर अवतार पुरुष ने किसी की नही सुनी और परिणाम सामने आने लगा है. अब इस भाजपा के इस आस्था के भ्रष्टाचार पर बाबूलाल जी को खुद को कुछ बोलना चाहिए और अपने राष्ट्रीय नेताओं को भी उपदेश देना चाहिए. यह बातें झामुमो के महासचिव एवं प्रवक्ता सुप्रियो भट्टाचार्य ने पार्टी ऑफिस में आयोजित एक प्रेस वार्ता के दौरान कही.
राम मंदिर निर्माण में बरती गयी अनियमितता का रूप अब सजा के तौर सामने आने लगा है
उन्होंने कहा कि यह देश एवं विश्व के सच्चे राम भक्तों का अपमान है. हम भगवान श्री राम को भीगने नहीं देंगे. जरूरत पड़ी तो हम कार सेवा देने को भी तैयार हैं. जिस प्रकार से मंदिर निर्माण के लिए जमीन खरीद में अनियमितता, मंदिर निर्माण में अनियमितता, गुजरात लॉबी का हावी रहना के मामले हुए हैं. अब प्रभु श्री राम ने अपना रूप दिखाना शुरू कर दिया है. पहले भाजपा को अध्योध्या सहित आसपास के सभी सीटें हारनी पड़ी, इतना ही नहीं लंका दहन के समय प्रभु श्री राम जिस-जिस मार्ग से गए, वहां भी भाजपा को मुंह की खानी पड़ी है. इससे यह साबित होता है कि भाजपा को आस्था के साथ खिलावाड़ अब महंगा पड़ने लगा है.
बाबूलाल कोदाई बांध और कोनार डैम याद कर लें, जो
चूहे कुतर गये थे
भट्टाचार्य ने कहा कि आज कल भाजपा के जो लोग झारखंड घूमने आते हैं, भ्रष्टाचार-भ्रष्टाचार बोलते हैं. हम याद दिला दें कि इस राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के कार्यकाल में कोदाई बांध उदघाटन के पहले ही बह गये थे. फिर रघुवर राज में कोनार डैम को चूहे कुतर गये थे. मोमेटम झारखंड का घोटाला भी रघुवर राज में हुआ. बिहार में सात दिन में तीन पुल बह गए. हरमू नदी को नाला भी भाजपा के शासन काल में बनाया गया. इस तरह से भाजपा-एनडीए राज में घोटालों का लंबी फेहरिस्त है. समय आने पर उसे जारी किया जाएगा. इसी तरह से जब केंद्र जब जी-20 समिट हो रहा था तो ऐसे पेश किया गया लगा कि भारत को पहली बार किसी आयोजन की मेजबानी मिली है. आयोजन के पहले कई चीजें ढंग दी गयी, मगर आयोजन खत्म होते ही दिल्ली का तैयार किया गया भारत मंडप बह गया.
संसदीय परंपरा निर्वहन नहीं होने के कारण विपक्ष ने स्पीकर के लिए उतारा प्रत्याशी
सुप्रियो ने कहा कि देश में मोदी जी के आने के बाद संसदीय परंपराएं तार-तार की गयी. पहली बार उप सभापति पद विपक्ष को नहीं मिला. इस बार भी वही होने जा रहा है. पहली बार 2019 में 160 सांसदों को सस्पेंड किया गया जिसमें केवल राज्यसभा से 68 सांसद शामिल थे. संसद की कार्यवाही म्यूट की गयी. टीवी का फोकस का एंगल बदला गया. निवर्तमान स्पीकर का आचरण असंसदीय रहा. इसलिए विपक्ष अपना उपसभापति चाहता था. जब बात नहीं मानी गयी तब विपक्ष को अपना प्रत्याशी उतारना पड़ा. इसलिए पहली बार देश में स्पीकर के लिए वोटिंग होगी.
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