Ranchi: चेकिंग अभियान रुकने से राजधानी की सड़कों पर फिर से गैर परमिट वाले ऑटो की संख्या बढ़ गई है. जिससे सर्कुलर रोड, रेडियम रोड, कचहरी रोड और रातू रोड में रह रह कर जाम की समस्या उत्पन्न हो रही है. अप्रैल महीने में शहर में परिचालन करने वाले आटो की संख्या में कमी आयी थी. जिसके पीछे वजह ट्रैफिक पुलिस और परिवहन पदाधिकारी द्वारा चेकिंग अभियान
चलाया जाना था. इसके अलावा शहर में फुटपाथ में लगनेवाले अतिक्रमण हटाने को लेकर पुलिस की कार्रवाई जारी थी. जिस वजह से शहर में जाम की स्थिति नहीं बन रही थी, लेकिन जैसे ही चेकिंग अभियान बंद हुआ, बिना परमिट वाले ऑटो ग्रामीण इलाके से शहर में आकर चलने लगे.
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रांची निगम क्षेत्र में 5330 ऑटो को परमिट दिया गया है
रांची निगम क्षेत्र में 5330 ऑटो (सीएनजी, पेट्रोल-डीजल) को परमिट दिया गया है. जबकि 15 हजार से ज्यादा ऑटो बिना परमिट के चल रहा है. यानि शहर में परमिट से तीन गुणा ज्यादा ऑटो चल रहे हैं. वह भी ट्रैफिक पुलिस के सामने. इसके कारण तमाम कवायद के बाद भी शहर की ट्रैफिक व्यवस्था सुधर नहीं रही है. ऑटो व ई-रिक्शा के परमिट की बात अगर छोड़ दें, तो इनके पास न ड्राइविंग लाइसेंस है, न इंश्योरेंस और न ही पॉल्यूशन सर्टिफिकेट. फिर भी धड़ल्ले से ऐसे ऑटो चलाये जा रहे हैं.
ई-रिक्शा चालकों की मनमानी की वजह से राजधानी रांची में हर दिन लग रहा जाम
रांची में पेट्रोल-डीजल और सीएनजी के ऑटो के साथ-साथ ई-रिक्शा की संख्या में भी तेजी से इजाफा हुआ है. रांची डीटीओ ऑफिस से 4500 से ज्यादा ई-रिक्शा का निबंधन है. लेकिन रांची नगर निगम ने शहरी क्षेत्र में 994 ई-रिक्शा को चलाने की ही अनुमति दी है. जबकि शहर में पांच हजार से ज्यादा ई-रिक्शा चलते हैं. लेकिन आरटीए, डीटीओ सहित ट्रैफिक पुलिस ऐसे वाहनों पर ठोस कार्रवाई नहीं करती है. इसके कारण ऑटो व ई-रिक्शा के चालकों की मनमानी से पूरा शहर त्रस्त है. सड़क पर ही बेतरतीब तरीके से खड़ा कर ई-रिक्शा चालक सवारियों को बैठाने का काम करते हैं. इस कारण हमेशा जाम लगता रहता है. इससे अन्य वाहन चालकों को काफी परेशानी होती है.
अधिकतर ऑटो व ई-रिक्शा का नंबर पढ़ना मुश्किल
रांची की सड़कों पर अवैध रूप से चल रहे ऑटो व ई-रिक्शा नंबर पढ़ना भी मुश्किल है. किसी का पेंट उखड़ गया है, तो किसी ने जान-बूझ कर अपने नंबर प्लेट से एक नंबर को मिटा दिया है. ताकि, ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने या किसी प्रकार की दुर्घटना होने पर सीसीटीवी से उक्त ऑटो को ट्रेस न किया जा सके. इसके अलावा प्रमुख सड़क हो या गली मोहल्ले हर जगह नाबालिग और अनट्रेंड युवाओं द्वारा ई-रिक्शा चलाया जा रहा है. जिस कारण अक्सर जाम और दुर्घटना की आशंका बनी रहती है.
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