Dumka : केंद्रीय पहाड़िया आदिम जनजाति संघ की झारखंड प्रदेश इकाई का वार्षिक अधिवेशन दुमका के इंडोर स्टेडियम में हुआ. अधिवेशन में संथाल परगना प्रमंडल सहित पश्चिम बंगाल, बिहार व असम से पहाड़िया आदिम जनजाति समाज के लोगों ने भाग लिया. अधिवेशन में 18 सूत्री प्रस्ताव पारित किया गया. जिसमें संथाल परगना प्रमंडल का नाम बदलकर पहाड़िया अरण्यांचल करने की मांग मुख्य है. इसके अलावा झारखंड में जनजातीय सलाहकार समिति में आदिम जनजाति सदस्यों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने, दुमका-राजमहल लोकसभा सीट के साथ-साथ संप के आदिम जनजाति की आबादी वाले विधानसभा क्षेत्रों को आदिम जनजाति के लिए आरक्षित करने की भी मांग की गई है.
अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि पुरातत्वविद पंडित अनूप कुमार वाजपेयी शरीक हुए. उन्होंने अखिल भारतीय पहाड़िया आदिम जनजाति उत्थान समिति द्वारा प्रकाशित माल पहाड़िया मावणों-माव त्योहार कैलेंडर- 2025 व डायरी का लोकार्पण किया. उन्होंने बाबा तिलकामांझी के संघर्ष व शहादत पर विस्तार से प्रकाश डाला. कहा कि प्रथम स्वतंत्रता सेनानी तिलकामांझी की प्रतिमा संसद में लगायी जानी चाहिए, ताकि उनके बलिदान को पूरा देश जान सके. अधिवेशन की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि चिंतन-मनन और भविष्य के लिए कार्ययोजना बनाने की यह पहल समाज को आगे ले जाएगी. पहाड़िया आदिम जनजाति सामाजिक-राजनीतिक व शैक्षणिक रूप से जागरूक बने, यह बेहद जरूरी है. केंद्रीय अध्यक्ष मनोज सिंह पहाड़िया ने कहा कि हमारा समाज शत-प्रतिशत शिक्षित बने, यह संकल्प आज हमें लेना होगार. मौके पर संतोष पुजहर, दामोदर गृही, राजेश गृही, रामेश्वर पुजहर, रामजीवन आहड़ी, महादेव देहरी, हरि नारायण सिंह, मुन्नी देवी, पूर्णिमा पुजहर, रामधन देहरी, गणेश्वर देहरी, मंगलानंद देहरी, बसंती देवी, रीता देवी आदि उपस्थित थे.
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