अवैध लाभुकों को राशन कार्ड समर्पित करने का अंतिम अवसर
खतियान को छोड़ वंशावली के आधार पर लड़ाई
दामोदर सिंह मेलर ने कहा कि संथाल परगना मे संथालों का आगमन सन 1810 ईसवी में हुआ. जबकि भुइया, घटवाल, घठवार, खैतोरी एवं पहाड़िया झारखंड की इस धरती पर आदि काल से वास कर रहे हैं. फिर भी मेलर समुदाय के लोग यहां मुखिया एवं जिला परिषद पद पर चुनाव नहीं लड़ पा रहे हैं. मेलर ने आगे कहा कि, इस बात को प्रमाणित करने के लिए उनके पास कई तरह के गजेटियर के दस्तावेज हैं. प्रभारी प्रदेश अध्यक्ष बीरबल ने कहा कि जब तक भुइया, घटवाल, घटवार, खेतोरी एवं पहाड़ियां अलग-अलग खातियान के आधार पर लड़ेगा. तब तक हमें अपने हक व अधिकार से वंचित रहना पड़ेगा. हमें अपने अधिकार को प्राप्त करने के लिए अलग अलग खातियान की लड़ाई को छोड़ कर वंशावली के आधार पर लड़ाई लड़ना होगा, जिसका आधार मेलर हैं. इसे भी पढ़ें- दुमका:">https://lagatar.in/dumka-social-audit-team-imposed-fine-recovery-order-issued/38834/">दुमका:सोशल ऑडिट टीम ने लगाया जुर्माना, रिकवरी का आदेश जारी
मेलर आदिम जनजाति संघर्ष मोर्चा की बैठक
इस बैठक में सूर्यदेव सिंह, हरि सिंह, ओम् राय मेलर, सत्यनारायण सिंह, रामनारायण सिंह, पिंटू राय, छोटू राय, मितन राय, ओमप्रकाश राय, गोपाली नरेश राय, प्रमोद सिंह, गुणाधर सिंह, महेंद्र सिंह, हिसाब राय मेलर, मनोज सिंह मेलर, कपिल देव राय मेलर, रमानांद राय, उदय नारायण सिंह, दिलीप राय, विजय कांत सिंह, अनिल सिंह, मनोज राय मेलर आदि शामिल हुए. इसे भी पढ़ें- ओरमांझी:">https://lagatar.in/ormanjhi-3-traffickers-arrested-fake-liquor-and-car-seized/38838/">ओरमांझी:अवैध शराब के 3 कारोबारी गिरफ्तार, नकली शराब और कार जब्त
Leave a Comment