Ranchi: सदर अस्पताल में आउटसोर्सिंग पर काम करने वाले कर्मियों को अपने मेहनताने के लिए भटकना पड़ रहा है. इन कर्मियों ने कोरोना काल के दौरान सदर अस्पताल में अपनी सेवाएं दी हैं. राजधानी रांची समेत जब पूरे प्रदेश में कोरोना ने दस्तक दी, उस समय लगभग 150 की संख्या में कर्मियों को अस्थायी रूप से बहाल किया गया था.
अस्थायी रूप से बहाल इन कर्मियों को अधिकतम तीन माह के लिए नियुक्त किया गया था. कार्यमूल्यांकन के आधार पर योगदान की तिथि से 12000 रुपए मासिक भुगतान करने की बात कही गयी थी. लेकिन अब इन्हें पैसे के लिए भटकना पड़ रहा है.
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अप्रैल से जून के बीच हुई थी कर्मियों की बहाली
कोरोना के बढ़ते मामले के बीच मैन पावर की समस्या सामने आ रही थी. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की ओर से कोरोना सैंपल कलेक्शन सेंटर में डाटा एंट्री और सैंपल कलेक्शन के लिए इन कर्मियों को बहाल किया गया था.
5 दिन की ट्रेनिंग में बन गए टेक्नीशियन
वहीं काम करने वाले कर्मियों ने कहा कि कोरोना सैंपल कलेक्शन के लिए उन्हें 5 दिन की ट्रेनिंग देकर काम पर लगा दिया गया. जबकि नियमतः सैंपल कलेक्शन का काम ट्रेंड टेक्नीशियन करते हैं.
इन जगहों पर लगाई जाती है ड्यूटी
इन कर्मचारियों की ड्यूटी विभिन्न स्थानों पर लगायी जाती है. इसमें रांची रेलवे स्टेशन, हटिया रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टैंड शामिल हैं. जांच के लिए बनाए गए स्टैटिक्स सेंटर में इन कर्मियो से काम लिया जाता था. आउटसोर्सिंग पर काम करने वाले दीपक ने कहा कि कोरोना काल में जान जोखिम में डालकर हमलोगों ने ड्यूटी की है. आज अपने ही मेहनत के पैसे के लिए भटकना हमारी मजबूरी बन गई है.
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